बालोद- अक्सर कुटुंब न्यायालय में।पति पत्नी के मामले जब भी पहुंचते है तो ज्यादातर मामलो में आरोप पति या उसके परिवार पर लगता है लेकिन जिले में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे पति अपने पत्नी ही अपने पति से लगातार दुर्व्यवहार करने लगी और मामले को बालोद कुटुंब न्यायालय ने भी सही माना औऱ पीड़ित पति के आवेदन पर विवाह को खंडित कर तलाक की मंजूरी दे दी
दरअसल पूरे मामले में बालोद जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता भेष कुमार साहू ने बताया कि बालोद जिला के सम्मानित श्रीवास्तव परिवार के पुत्र अभय का विवाह, वनांचल बस्तर संभाग की लड़की मयूर (बदला हुआ नाम) के साथ में 29.04.2016 सामाजिक रीति रिवाज से सम्पन्न हुआ था, विवाह के बाद पत्नी के द्वारा नर्सिंग की पढ़ाई की इच्छा जाहिर करने पर रायपुर में उनकी नर्सिंग की पढ़ाई पति के द्वारा कराया था, पढ़ाई के बाद पत्नी ससुराल आने से यह कहते हुए मना कर दी कि, वह आने मायके के शासकीय अस्पताल (govt Hospital) में अनुभव प्रमाण पत्र के लिए नर्स का कार्य करेगी, पति अपनी पत्नी की खुशी व उसके उज्जवल भविष्य के लिए उनकी भावनाओं से इंकार नही किया और लगातार अपने पत्नी की इच्छाओं पर उन्हें अनुमति देते चला आया , लेकिन कुछ समय बाद जब पति अपने पत्नी को अपने साथ रहने को कहते थे तो पत्नी अपने पति को पास आने से मना करते हुए दुर्व्यवहार करने लगी, और यह घटना धीरे धीरे बढ़ने लगा जिससे व्यथित हो कर पति ने अपने अधिवक्ता भेष कुमार साहू से कानूनी सलाह ली हालांकि की इस दौरान भी पति लगातार अपने पत्नी को मनाने का प्रयास किया लेकिन अंततः इस समस्या का समाधान नहीं होते देख पति ने अपने वकील भेष कुमार साहू के माध्यम से कुटुंब न्यायालय बालोद में दांपत्य सुख से वंचित कर पत्नी के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगा कर विवाह विच्छेद का दावा पेश किया था, उक्त दावा को न्यायालय ने भी अवलोकन पश्चात स्वीकार किया और पूरे मामले में उक्त विवाह को खंडित कर तलाक की डिग्री पति अभय को प्रदान की है, ..उक्त निर्णय पर समाज के लोगों के द्वारा पति और पत्नी के स्वतंत्र जीवन के लिए समय की जरूरतें बताते हुए अधिवक्ता साहू को बधाई व शुभ कामनाएं दी है