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*श्रावण मास के पहले दिन जिले के इस स्कूल में क्रिस्टल शिवलिंग रखकर वैदिक पंडितों द्वारा किया गया रुद्र पूजा…इस पूजा में क्रिस्टल शिवलिंग का क्या महत्व..आखिर क्या है ये क्रिस्टल शिवलिंग… जानने के लिए पढ़े पूरी खबर*

विश्व विख्यात मानवतावादी एवम आध्यात्मिक संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के वैदिक धर्म संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यावरण की शुद्धि , नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा और सकारात्मकता के उद्भव के उद्देश्य से श्रावण मास रूद्र पूजा का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग के वेद विज्ञान महा विद्या पीठ ट्रस्ट बैंगलोर द्वारा संचालित श्री श्री ज्ञान मन्दिर विद्यालय सांकरा ज में हुआ।
पूर्ण विधि विधान से इस अलौकिक रूद्र पूजा के लिए संस्था के अंतरराष्ट्रीय केंद्र बैंगलोर से आई स्वामिनी व वैदिक मंत्रोच्चारण के लिए दो वैदिक पंडितों के द्वारा प्राचीन वैदिक शैली में पूजा की कराई गई।

रूद्र पूजा में एक क्रिस्टल के शिवलिंग (जो की भगवान शिव का प्रतीकात्मक प्रतिनिध्तव करते हैं) का दही, दूध, घी, शहद आदि सामग्रियों से अभिषेक किया गया। चन्दन, भस्म और पुष्प से शिवलिंग का श्रृंगार करने के बाद प्रेम भाव से बेल पत्र, धतुरा एवं फल अर्पित किये किए गए । श्रद्धा और कृतज्ञता के भाव से भगवान का विधिवत पूजन किया गया।

 

वेद आगमा वैदिक महापठ्शाला (गुरुकुल) में विशेष रूप से प्रशिक्षित पुजारी और वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी यह विशेष पूजा संम्पन कराते हैं। पूजा के दौरान मंत्रों का जप इतना शुद्ध और लयमय हुआ की संपूर्ण वातावरण दिव्यता से भर जाता है और सभी को गहन ध्यान की अनुभूति हुई। इसी क्रम में शिव जी के भजनों ने सभी शिव भक्तों को रुद्रमय कर दिया। पूजा के पश्चात् स्वामिनी ने विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए रूद्र पूजा को प्रकृति के साथ जोड़कर ज्ञान वर्धक जानकारी प्रदान की।

 

 स्फटिक व क्रिस्टल शिवलिंग की क्या है विशेषता :- स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल और शीत प्रभाव वाला उपरत्न है। स्फटिक को अन्य नमो से भी जाना जाता है: इसे अंग्रेजी में ‘रॉक क्रिस्टल,क्वार्ट्ज’ , संस्कृत में ‘सितोपल’, कांचमणि, शिवप्रिय,फिटक ‘सफ़ेद बिल्लौर’ आदि । यह SiO4 के सिलिकन-आक्सीजन चतुष्फलकी से बना होता है स्फटिक पत्थर अधिक उर्जावान माना गया है । इसकी प्रवत्ति ठंडी होती है । इसकी मालाओ से अनेक देवी देवताओं का जप किया जाता है । इसमें माता लक्ष्मी का साक्षात् रूप भी माना गया है ।

रुद्रपूजा के आयोजन में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक रवि प्रकाश पाण्डेय, राधे श्याम सिन्हा , विद्यालय के समन्वयक वैभव चंद्राकर, प्रधान पाठक रंजना देशमुख, ललिता देशमुख, पंकज शर्मा, मनोज कुमार, गंगेश्वरी देशमुख, गीतेश्वरी मिथलेश, जानकी देशमुख , दुर्गेश्वरी चंद्राकर, निशा निखत बी, यामिनी साहू , मधु साहू का आयोजन में विशेष सहयोग रहा। इस आयोजन से विद्यालय के बच्चों में भी विशेष उत्साह का माहौल रहा।

 

 

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