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*अच्छी पहल:- बच्चों और पालकों को स्कूल से जोड़ने और पढ़ने-पढ़ाने का बेहतर माहौल तैयार करने सभी स्कूलों में शुरू होगा पालक जागरूकता अभियान…अभियान के क्रियान्वयन के लिए गठित होंगे कोर ग्रुप*

 

रायपुर, /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए नवाचार एवं विविधि गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल लगातार की जा रही है। इसी कड़ी में पालक जागरूकता अभियान सभी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पालकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाना है। सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. एस. भारतीदासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में पालक जागरूकता अभियान का पालन सुनिश्चित करने और इस अभियान के तहत संचालित गतिविधियों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर इसके रिपोर्ट शासन को भिजवाने के निर्देश दिए हैं।

इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति एवं पालकों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। पालकों को बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने, नियमित स्कूल आने, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के संबंध में चर्चा करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अभियान के तहत बच्चों की पढ़ाई में ध्यान देने के नवीन तरीकों को प्रयोग में लाने के बारे में भी राय-मशविरा तथा सक्रिय पालकों की मदद से अन्य पालकों को भी स्कूल एवं बच्चों की शिक्षा से जोड़कर सक्रिय जिम्मेदारी दी जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारियों इस अभियान के संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि पालक जागरूकता अभियान के क्रियान्वयन के लिए कोर ग्रुप का गठन किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले और विकासखण्ड से 5-5 विभागीय अधिकारी का चयन कर कोर ग्रुप में शामिल किया जाएगा। जिला स्तर से सहायक परियोजना अधिकारी (एपीसी), डाईट अकादमिक सदस्य, एसएमसी मास्टर ट्रेनर एवं विकासखण्ड स्तर से सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कोर गु्रप में होंगे। इसी प्रकार संकुल स्तर में प्रत्येक स्कूल से एक सक्रिय शाला प्रबंध समिति के सदस्य, एक शिक्षक, एक सक्रिय माता, चयनित जनप्रतिनिधि और एक प्रभावी व्यक्ति जिसके बात सभी मानते हो उनको कोर ग्रुप में शामिल किया जाएगा।

यह कोर ग्रुप पालक जागरूकता अभियान जिले की सभी स्कूलों में पालक जागरूकता कार्यक्रम के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में पालक जागरूकता के लिए रणनीति और चर्चा के बिन्दू, गतिविधि भी तैयार करेगा। विकासखण्ड और संकुल स्तर पर कोर ग्रुप को उन्मुखीकरण और स्थानीय इनपुट देगा। स्कूल स्तर पर शाला प्रबंधन समिति और पालकों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम का कार्य करेगा। पालक उन्मुखीकरण के बाद निरंतर फालोअप और पालकों की सक्रिय सहभागिता के बेहतर उदाहरण का संकलन, दस्तावेजीकरण कर प्रचार-प्रसार करेगा।

इस अभियान के तहत पालकों के उन्मुखीकरण के लिए चर्चा, गतिविधि के क्षेत्रों का निर्धारण किया जाएगा, जिसमें बच्चों और शिक्षकों की शाला में नियमित उपस्थिति एवं बेहतर शिक्षा सुविधा सुलभ कराना है। चाइल्ड विद स्पेशल नीड (सीडब्ल्यूएसएन) और शाला से बाहर के बच्चों को शाला में दाखिला एवं उनके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। पालकों को स्कूल से जोड़ने और उन्हें बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। घर पर बच्चों के सीखने के लिए बेहतर माहौल बनाना और पढ़ने के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराना भी इस अभियान का हिस्सा होगा। बच्चों के घर की भाषा और स्कूल की भाषा अलग होने पर होने वाली परेशानियां और शुरूआती कक्षाओं में बच्चों के सीखने के लिए स्थानीय सामग्री के उपयोग के लिए आवश्यक मदद की जाएगी। आंगनबाड़ी में सभी बच्चों का प्रवेश और उनमें बच्चों के सीखने के लिए आवश्यक सहयोग करना। स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली समस्त सुविधाओं की समय पर उपलब्धता एवं गुणवत्ता के लिए सम्पर्क करना।

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