बालोद जिले के विकासखंड गुरुर के शासकीय हाई स्कूल मोखा के व्याख्याता कैलाश कुमार साहू को छात्राओं से छेड़छाड़ के मामला में प्रथम दृष्टया जांच उपरांत दोषी पाए जाने पर लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ नवा रायपुर द्वारा आदेश जारी कर छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 उपनियम (1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में साहू का मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गुरूर निर्धारित किया गया है तथा निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा। जारी आदेश में कहा गया है कि कैलाश कुमार साहू, व्याख्याता (एलबी) शासकीय हाई स्कूल मोखा वि.खं.गुरुर का उक्त कृत्य छ.ग.सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 03 के विपरीत है। साथ ही उक्त स्कूल के चार व्याख्ताओ एन के साहू प्रभारी प्राचार्य ( मूल पद व्याख्याता एल बी ), राधारमण वारदे व्याख्याता (एल बी), बसंत कुमार हिरवानी व्याख्याता (एल बी) और पवनरेखा मरकाम व्याख्याता (एल बी) को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इन्हे उक्त संबंध में अपना प्रतिवाद उत्तर 15 दिवस के भीतर जिला शिक्षा के माध्यम से अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सीडब्ल्यूसी मामले मे लेगा संज्ञान
आपको बतादे शिक्षक के काले कारनामे को सबसे पहले प्रदेशरूचि ने उजागर किया था पिछले कई माह से चल शिक्षक के इस काले करतूत पर्दा हटाने का काम प्रदेशरूचि संवाददाता दीपक मधु सागर ने किया और पूरे मामले का सूक्ष्मता से पड़ताल किया था जिसकी खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आई और तत्काल जांच समिति गठन की गई थी लेकिन मामले में अब तक किसी के द्वारा थाने में।शिकायत नही करने के चलते दोषी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज नही हुआ जिसके बाद मामले को लेकर प्रदेशरूचि के प्रधानसंपादक ने बाल कल्याण समिति बालोद के अध्यक्ष कृष्णा साहू से चर्चा किये जिस पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष कृष्णा साहू ने बताया की मामला उनके संज्ञान में आया है और पूरे मामले में।फिलहाल प्रशासनिक कार्यवाही जारी है इस बीच यदि कोई शिकायत नही होती है बाल कल्याण समिति मामले को संज्ञान में लेकर आगे कार्यवाही करेगी और दोषी शिक्षक के ऊपर कानूनी कार्यवाही को लेकर पुलिस प्रशासन को पत्र लिखेगी ।
किस तरह की हो सकती है कार्यवाही
पूरे मामले में जानकारों की माने तो शिक्षक द्वारा जिस तरह से छोटे छोटे स्कूली बच्चो के साथ गलत हरकत किया जाता था लेकिन इसकी जानकारी स्कुलनके अन्य लोगो को भी होने के बावजूद मामले को दबाकर रखा गया था जिसपर दोषियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट छेड़खानी व बच्चों के मन मे भय उत्पन्न करने का मामला बन सकता है बहरहाल देखना होगा आगे की जांच में किस तरह कें तथ्य सामने आते है और क्या कार्यवाही हो पाती है