बालोद-देश में बढ़ रही इस्लामिक जेहादी कट्टरता और हिंसा करने वालों पर कार्यवाही करने को लेकर बजरंग दल द्वारा गुरुवार को जयस्तंभ चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर राष्टपति के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौपा हैं। ज्ञापन में बताया गया कि पिछले कुछ समय से देशभर में इस्लामिक जेहादी कट्टरता बढ़ती जा रही है। योजनापूर्वक हिन्दुओं पर हमले किये जा रहे है। वर्ष प्रतिपदा एवं भगवान श्रीराम के प्रकटोत्सव श्रीराम नवमी पर देशभर में शोभायात्राओं पर पथराव और हमले किये गये। जिसके कारण अनेक स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा और देशभर में तनाव की स्थिति बनी। हिन्दू समाज ने धैर्य रखा जिसके कारण कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई। बाद में कुछ स्थानों पर हनुमान जयंती की शोभायात्राओं पर भी पथराव हुआ। हिन्दू समाज अपने ही देश में अपने आराध्य देवों की शोभायात्रा नहीं निकाल पा रहा है। हिजाब विवाद के समय भी कर्नाटक में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की निर्मम हत्या की गयी। उस समय भी अनेक स्थानों पर हिन्दुओं पर हमले हुये थे
हिंदुओ के धरो दुकानों ,शासकीय संपत्तियों व मंदिरों को पहुँचाया नुकसान
अभी हाल में बहन नुपुर शर्मा व नवीन जिन्दल के बयान को लेकर गत दो शुक्रवारों को जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिदों से हमले किये गये, हिन्दू घरों, दुकानों, वाहनों को आग लगा दी गयी। शासकीय सम्पत्ति और मंदिरों को भी भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस बलों पर भी हमले हुये। अनेक लोगों को जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही है। कानून को इन जेहादियों ने मजाक बना दिया है। बंगाल, केरल जैसे राज्यों की सरकारें तो मानों इन इस्लामी जेहादियों के साथ खड़ी नजर आ रही है। जबकि अनेक विधर्मियों द्वारा हिन्दू मानबिन्दुओं, देवी-देवताओं के बारे में अनर्गल प्रचार किया जा रहा है। साम्प्रदायिक विद्वेश फैलाने वाले वक्तव्य दिये गये हैं फिर भी देश के अनेक सेक्युलर पक्ष
मौन रहते हैं। बात-बात पर लोकतंत्र के खतरे में होने की बात-बात पर लोकतंत्र के खतरे में होने की दुहाई देने वाले अनेक राजनैतिक दल शुक्रवार को हुई लोकतंत्र की हत्या पर मौन है इनके मौन रहने से देश का सामाजिक सद्भाव तो बिगड़ता ही है उपद्रवियों के हौसले भी बढ़ते हैं।सम्पूर्ण देश का हिन्दू समाज इन हमलों से आहत है और आक्रोशित भी है। देशभर का हिन्दू समाज इस धरने और ज्ञापन के माध्यम से इन घटनाओं के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त किया हैं।
7 सूत्रीय मांगे
सात सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से गत दो जुम्मा की नमाज के बाद मस्जिदों से निकली भीड और दंगाईयों को पहचान कर उन पर रासुका के तहत कार्यवाही की जाये। 17 जून को इन मस्जिदों किसी को भी को भाषण देने से तुरंत रोका जाये। इनको भड़काने वाले मौलवीयो / अन्य मुस्लिम व सेक्युलर नेताओं की पहचान कर उन पर भी रासुका लगाकर जिलाबदर की कार्यवाही की जाये।देशभर में ऐसे जहरीले भाषण देने वालों को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही की जाये। जिनकी धमकियाँ दी जा रही है उनको सुरक्षा उपलब्ध करायी जाये व धमकी देने वालों पर भी कठोर कार्यवाही की जाये। इस्लामिक जेहादी कट्टरता फैलाकर देश में हिंसा कराने वाले संगठन पापूलर फट ऑफ इंडिया व तब्लीगी जमात जैसे कट्टरपंथी संगठनों पर अविलम्ब प्रतिबन्ध लगाया जाये। जिन स्थानों पर हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया है वहाँ पर उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जाये व अनिवार्य रूप से पुलिस चौकी स्थापित की जाये तथा यहाँ तैनात सुरक्षाकर्मियों को पर्याप्त सुविधायें एवं अधिकार दिये जाये। धरना प्रदर्शन में अर्चक पुरोहित,विश्व हिंदू परिषद के मंत्री महेंद्र सोनवानी, बजरंग दल जिला संयोजक सतीश विश्वकर्मा, बजरंग दल जिला सहसंयोजक उमेश हिंद, सेना छत्तीसगढ़ प्रमुख संयोजक तरुण नाथ योगी,रोशन ढीमर, तुषार ,तिलोक राजपूत, गुणाकर शर्मा, पंकज साहू, सुनील शर्मा, पुखराज देशमुख, युगल किशोर सहित बड़ी सख्या में बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।