रायपुर/मोदी सरकार के द्वारा 17 फसलों के समर्थन मूल्य में की गई मामूली वृद्धि को कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा और छल करार दिया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा 17 फसलों के समर्थन मूल्य में की गई आंशिक वृद्धि किसानों के साथ धोखा और छल है। भाजपा ने देश भर के किसानों से स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने और 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, इस मामूली बढ़ोत्तरी से कैसे किसानों की आय दोगुनी होगी? भाजपा को किसानों को बताना चाहिए कि धान का समर्थन मूल्य में 100 रु. वृद्धि करने से किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी? जबकि डीजल में मनमाना टैक्स लगाकर मोदी सरकार किसानों से भारी भरकम वसूली कर रही है। खाद और कीटनाशक के दवाइयों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। ट्रैक्टर पार्ट्स कृषि यंत्रों के कलपुर्जे आइल ग्रीस के दाम आसमान छू रहे हैं। किसानों से उपज खरीदने से केंद्र में बैठी सरकार बचना चाहती है। किसानों को सही समय पर सही मात्रा में रासायनिक उर्वरक खाद की आपूर्ति भी केंद्र सरकार के द्वारा नहीं किया जा रहा है। धान खरीदी के दौरान भी बारदाना देने में हीला हवाला किया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों का हित छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से सीखना चाहिये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार देश की अकेली सरकार है जो अपने बलबूते पर अपने किसानों को धान की कीमत 2540 रुपए एवं 2560 प्रति क्विंटल दे रही है। अब किसानों को 2640 और 2660 रू. मिलेगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान उत्पादक किसानों का 9 हजार एवं गन्ना, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन, फलदार वृक्ष एवं सब्जी लगाने वाले किसानों को 10 हजार रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दे रही है। किसानों से किए वादे को पूरा की है। किसानों को कर्ज मुक्ति का लाभ दी हैं। सस्ते दरों पर बिजली दे रही है। वहीं मोदी भाजपा की सरकार किसानों से किए वादे को पूरा करने में असफल रही है। केंद्र सरकार के नीति में किसानों की तरक्की नहीं है बल्कि पूंजीपतियों के आगे किसानों को घुटने टेकने मजबूर करना और गुलामी करने की रणनीति बनाई जा रही है। भाजपा शासित राज्यों में किसानों को उपज पर बेचने भटकना पड़ता है। उपज का सही कीमत नहीं मिलता है। समर्थन मूल्य में भी उनकी फसल को नहीं खरीदी की जाती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि खरीफ 2022 के लिये राज्य सरकार द्वारा धान सामान्य एवं ग्रेड-ए के लिये 2700 प्रति क्विंटल एम.एस.पी. प्रस्तावित किया गया था। भारत सरकार द्वारा धान सामान्य 2040 प्रति क्विंटल एवं ग्रेड-ए के लिये 2060 प्रति क्विंटल एम.एस.पी. निर्धारित किया गया है जो राज्य शासन के प्रस्ताव से क्रमशः 660 एवं 640 रुपये कम है। वर्ष 2022-23 हेतु मक्का फसल को बढ़ावा देने के लिये राज्य शासन द्वारा रू. 2070 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य प्रस्तावित किया गया था। जिस पर भारत सरकार द्वारा रू. 1962 प्रति क्विंटल एम.एस.पी. निर्धारित किया है जो राज्य के प्रस्ताव से रू. 108 प्रति क्विंटल कम है। गतवर्ष की तुलना में मक्का के समर्थन मूल्य रू. 1870 प्रति क्विंटल में रू. 92 प्रति क्विंटल बढ़ोत्तरी की गई है।