बालोद- केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना कुछ किसानों के लिए वरदान तो कुछ के लिए मुसीबत बन गई है। इस योजना के तहत फसल की बोआई करने के लिए प्रति वर्ष तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये की दर से छह हजार रुपये किसानों के बैंक खाता में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शुरुआती दौर में पांच एकड़ से कम जमीन वाले लघु एवं सीमांत किसानों को ही योजना का लाभ देने की घोषणा की गई थी।
बाद में सरकार ने इसमें सुधार करते हुए पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को भी उक्त योजना का लाभ देने की घोषणा की। इसके बाद अबतक जिले में 01 लाख 49 हजार 46 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है। कुछ दिन पूर्व सरकार ने दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन पाने वाले अथवा इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले किसानों को योजना का लाभ नहीं देने की घोषणा करते हुए इस दायरे में आने वाले किसानों से राशि वापस लेने का आदेश दिया है।बालोद जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले 2937 अपात्र किसानों पर कृषि विभाग ने शिकंजा कसते हुए रिकवरी की नोटिस भेजी है। इन अपात्र किसानों को किसान सम्मान निधि की दस किश्त की राशि मिल चुका है। जिसे अब राशि को लौटना पड़ेगा। जिले के 2937 किसानों में से करीब 2 हजार किसान इनकम टैक्स धारी हैं जिसकी रिकवरी की जा रही हैं।
जिले में 2937 किसानों को लौटाने पड़ेंगे पीएम सम्मान निधि की राशि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले के 01 लाख 49 हजार 46 किसानों को छह हजार रुपये साल में तीन किश्तों में दिया जा रहा है। योजना की शुुरुआत में राजस्व विभाग की अनदेखी के चलते योजना के लिए उन किसानों का डाटा भी फीड कर दिया गया जो आयकर दाता हैं या वह किसी अन्य विभाग से दस हजार रुपये से अधिक पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। वहीं पति और पत्नी दोनों को लाभार्थी बना दिया गया। पीएम किसान पोर्टल पर दर्ज डाटा की जांच-पड़ताल हुई तो 2937 किसान अपात्र पाए गए। इन अपात्र किसानों में आयकर दाता, पति-पत्नी दोनों लाभ लेने वाले, व दस हजार से अधिक पेंशन पाने वाले शामिल हैं।
क्या है मामला
सरकार की ओर की गई नई व्यवस्था के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य हो गया था. इसके बाद योजना में जो बदलाव हुए, उसके तहत अपात्र किसानों से पैसों की वसूली की जानी है. जानकारी के अनुसार देश में ऐसे किसानों की संख्या काफी अधिक है, जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे हैं और दो हजार रुपए की किस्त पा रहे हैं. ये वो किसान हैं जो इनकम टैक्स के दायरे में आ रहे हैं और कहीं कहीं उनके परिवार के दो लोगों को किस्त का पैसा मिल रहा है. जबकि नियम के अनुसार खेत भले ही दो किसानों के नाम पर हो, लेकिन योजना का लाभ केवल एक को ही मिल सकेगा।