बालोद- बालोद जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बालोद जिले में चल रहे अवैध प्लाटिंग को लेकर पहले ही जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित कर चुके है कि जिले में किसी भी तरह का अवैध प्लाटिंग बर्दास्त नहीं किया जायेगा ..लेकिन बालोद जिले में भू-माफियायो के हौसले इतने बुलंद है कि न इनको सरकारी आदेश रोक पा रही है न ही कोई सरकारी नियम इनके अवैध कामो पर असर डाल पा रहा है… बालोद जिले में भूमाफिया शहर के साथ ही अब ग्रामीण अंचलों की कृषि जमीन पर लगातार अवैध प्लांटिंग कर रहे है।
इस कारोबार से जुड़े माफियाओ का कारोबार शहर सहित ग्रामीण अंचलों लगातार फैलने लगी है खेती व कृषि जमीन पर अवैध प्लांटिंग का खेल लबे से समय से फलफूल रहा हैं। जिला मुख्यालय के आसपास अब जमीन नहीं मिलने के बाद माफियाओ ने दुर्ग रोड धमतरी रोड बाईपास बघमरा औराभाटा रोड पाररास के अलावा मुख्यालय से बाहर डौंडीलोहारा बटेरा चौक में विशाल रकबे पर अवैध प्लाटिंग का खुला खेल राजस्व अधिकारियो के नाक के नीचे कर रहे है इस अवैध प्लाटिंग में कोटवार से लेकर द्वितीय श्रेणियों के अधिकारियो के बिना मिलीभगत इतने बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग करना संभव ही नहीं है
जिला मुख्यालय से 3 किमी के दायरे में यहाँ पर बड़े पैमाने पर चल रहा अवैध प्लाटिंग
किसी अवैध कारोबार के लिए ज्यादातर अवैध कारोबारी किसी सुनसान या दूरस्थ क्षेत्रो में अपने कामो को अंजाम देते है लेकिन अवैध प्लाटिंग का काम जो कि पूरी तरह अवैध है और ये कारोबार जिला मुख्यालय से महज 3 किलो मीटर के दायरे के भीतर ..मतलब जिले के सभी दिग्गज अधिकारियो के नाक के नीचे ….लेकिन ताज्जुब कि बात है कि महज एक बार सिर्फ दिखावे के लिए कुछ प्लाटों पर खानापूर्ति कर जेसीबी चलाया गया लेकिन आज फिर से माफिया उन प्लाटों पर काबिज होने लगे है वही जिले के सबसे व्यस्तम क्षेत्र झलमला सिवनी गंजपारा (औराभाटा)मार्ग बघमरा पाररास में बहुत बड़े पैमाने पर खेतो को अवैध तरीके से प्लाटिंग किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पुरे मामले पर मौन है
शहर के भूमाफिया द्वारा शासन के बगैर अनुमति भूमि को कम दामों पर खरीदकर काट रहे प्लांट
भूमाफिया शासन के बगैर अनुमति के बधमरा और पाररास में कृषि भूमि को कम दाम पर खरीदीकर प्लाट काट रहे हैं। एक ही जमीन को टुकड़ों में काटकर बेचने की तैयारी की जा रही हैं।इसके लिए कृषि जमीन में सीमेंट के खंभे लगाकर प्लांटिंग की जा रही हैं। यह एक तरह से गैर कानूनी कार्य है। बावजूद यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसमें मुख्य रूप से किसानों को लालच देकर उनकी जमीन को कम दामों में खरीदकर प्लाटिंग की जा रही है और अधिक दामों में कई जगहों पर बिना डायवर्सन के ही बेची जा रही है। अवैध प्लाटिंग का यह गोरखधंधा जोरों से चल रहा है। इससे भूमाफिया करोड़ों रुपए कमा रहे है लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं होती।
डौंडीलोहारा के बटेरा चौक में करीब 4 एकड़ जमीन पर बड़ा खेल
जिला मुख्यालय में पिछले कुछ दिनों में प्रशासन कुछ सख्त हुई थी जिसके बाद माफिया मुख्यालय छोड़कर गुरुर गुंडरदेही के साथ साथ डौंडीलोहारा से लगे बटेरा चौक में करीब 4 एकड़ जमीन पर प्लाटिंग चल रही है इस प्लाट को व्यवस्थित करने कई कहवे के पेड़ कि भी बलि भुमफियायो ने चढ़ा दिए लेकिन हलके के पटवारी से लेकर जिम्मेदार अधिकारियो ने मामले में अब अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया जिससे साफ़ समझ आता है अवैध प्लाटिंग के खेल में जिम्मेदार अधिकारियो कि कहा तक सांठगाँठ है
सड़क के नाम पर कर रहे दिखावा
सुविधाओं का अभावअवैध प्लाटिंग का धंधा पिछले कई वर्षों से चल रहा है। दलालों के चक्कर में लोग जमीन की खरीदी तो कर लेते हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं मिलती। 10 से 15 फीट की सड़क छोड़ देते हैं और मुरुम बिछा देते हैं। वर्षों तक कॉलोनी के रहवासियों को बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।
प्लांटिंग के लिए नही ली जाती अनुमति
नगर सहित जिले में जितनी भी जमीनों की खरीदी बिक्री हो रही है, उनमें एसडीएम, टाऊन व कंट्री प्लानिंग कार्यालय और नगर पालिका में आवेदन देकर औपचारिकता निभा देते हैं। प्लाटिंग के लिए कहीं से भी कोई अनुमति नहीं मिली है। नगर व आसपास के किसी भी गांव में जमीन प्लाटिंग की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके बेधड़क अवैध प्लाटिंग जारी है। मतलब नाक के नीचे ही अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।
केवल आश्वासन
अवैध प्लाटिंग का खेल शहर के साथ गांवों में भी जारी है। इस पर कार्रवाई के लिए दो विभाग मौजूद है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा। नगरीय क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने नगर पालिका के पास अधिकार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग मतलब एसडीएम कार्यालय कार्रवाई कर सकती है। दोनों विभाग के अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन दिखावे के लिए नोटिस दे दिया जाता है।जिससे भूमाफियों के हौसले बुलंद रहते हैं। जबकि इस पर बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
प्लाट खरीदने से पहले लें यह जानकारी
1. कालोनाइजर से उसका लाइसेंस जरूर देखे।
2. टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग से मंजूर ले आउट देखें।
3. डेवलपमंट अनुमति जरूर मांगे।
4. भूमि का डायवर्सन भी जरूर जांच लें।
नहीं तो न लोन मिलेगा और न सुविधाएं
डायवर्सन नहीं होने से मकान बनाने के लिए बैंक से लोन नहीं मिलता है। कालोनी को बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल सकती हैं। यहां विकास कार्य प्रशासन नहीं करा सकता है और ऐसे प्लाट लेने पर नामांतरण की गारंटी भी नहीं है।