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बस सेवा में महिला आरक्षण का नही हो रहा पालन..शादी सीजन के चलते बसों में उमड़ रही भीड़…कमाई के चक्कर मे बस संचालक भी यात्रियों को बसों में ठूंसकर कर रहे कमाई.यातायात आरटीओ विभाग की नही पड़ी अब तक नजर

बालोद- इन दिनों जहां एक ओर भीषण गर्मी के हालात बने हुए हैं। लगातार तापमान में बढ़ोतरी तो हो ही रही है, वहीं दूसरी ओर शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में इन दिनों शादियों का भी जोर काफी बना हुआ है। परिणाम स्वरूप लोगों का आना-जाना भी स्वाभाविक रूप से बढ़ गया है। यात्री बसों में इन दिनों यात्रियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। लोग जहां घंटों बसों के इंतजार में बस स्टैंड सहित चौक चौराहों पर देखे जा सकते हैं वहीं इन दिनों यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए बस संचालक एवं चालक परिचालकों की मनमानी भी सामने आई है। मजे की बात तो यह है यात्री बसों में निर्धारित किराए की सूची नहीं लगने की वजह से बस संचालकों की मनमानी बढ़ सी गई है और ग्रामीण शोषण के शिकार हो रहे हैं।

बालोद बस स्टैंड में यात्रियों की भारी भीड़

मंगलवार को बालोद से चलने वाले दुर्ग,राजनांदगांव,धमतरी,कांकेर ,दल्लीराजहरा, भानुप्रतापपुर, अर्जुन्दा सहित अन्य रूट की सभी बसों में भारी भीड़ देखने को मिली। कई बार बस में जगह न मिलने पर महिलाएं व वृद्घों को घंटों धूप में खड़े होकर दूसरी बस का इंतजार करना पड़ रहा है। बसों व अन्य यात्री वाहनों में मंगलवार को काफी भीड़ रही। नया ल बस स्टैण्ड में बस आने के पहले ही लोगों की भीड़ लग गई थी और ये सिलसिला देर शाम तक देखने को मिला।

पखवाड़ेभर से भीड़

शहर से होकर ग्रामीण रुट पर चलने वाली बसें पखवाड़े भर व्यस्त चल रही हैं। कई बार तो मिनी बस में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं होती। सभी रुट के बसों का हाल एक जैसा है। यात्रियों को मजबूरन धक्का-मुक्की खाते हुए इस शादी के सीजन में सफर करना पड़ रहा है।

संचालको द्वारा क्षमता से अधिक लोगो को भरे जा रहे हैं बसो में

शादी सीजन का फायदा उठाते हुए बस संचालको द्वारा बसो में लोगो को ठूस ठूस कर भेड़ बकरियो की तरह भरे जा रहे हैं ।बसो में क्षमता से अधिक लोगो को भरे जा रहे हैं लोग मजबूरी में बस का यात्रा कर अपने गन्तव्य की ओर जा रहे हैं । बसो में इतनी भीड़ चल रही हैं की किश्मत वालो को ही सीट मिल रही हैं ।जिला मुख्यालय के बस स्टेण्ड में सैकड़ो की सख्या मे लोगो की भीड़ हैं जो बस का इंतजार कर रहे हैं ।जैसे ही बस स्टेण्ड में बसे लगती ही लोगो की भारी भीड़ उमड़ जाती हैं ।इस दौरान कई लोग सीट पाने के लिए बसो के खिडखियो से रुमाल व् टॉवेल फेककर अपनी सीट सुरक्षित कर अपने आप को किश्मत वाले समझ रहे हैं ।बसो में क्षमता से अधिक सवारी भरने के बाद भी आरटीओ विभाग द्वारा बस संचालको के खिलाफ कोई कार्यवाही नही करना सन्देह को जन्म देता हैं ।

बसो में नही हैं महिला आरक्षित सीट

बसों में एक सप्ताह से तीन गुना से ज्यादा भीड़ बढ़ गई है। जिन यात्री बसों को सरकार परमिट देते समय तय करती है कि 50% सीट महिलाओं के नाम से आरक्षित रहेगा। लेकिन इस नियम का कोई पालन नहीं दिख रहा है।दुर्ग से दल्ली जाने वाली बस के भीतर ऐसा नजारा दिखा कि अधिकतर सीट पर पुरुष बैठे रहे। उनका सफर खड़े-खड़े पूरा हुआ।

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