*Video:- गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, खेलकर याद आई बचपन के दिन… 15-20 सालो बाद अपने पारंपरिक खेल खेलकर क्या बोले ये खिलाड़ी..*
बालोद.छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलो को बढ़ावा देने प्रदेश स्तर पर लगातार प्रयास किये जा रहे है…औऱ इन्ही प्रयासों का असर अब ग्रामीण इलाकों में भी इसका असर देखा जा रहा है ..वही जिले में ब्लाक स्तर पर आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में न केवल बच्चे युवा बल्कि घरों की महिलाएं और बुजुर्ग भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले…