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*सरकारी सिस्टम के एक और भ्रष्टाचार का मामला आया सामने..सरकारी आंगनबाड़ी में घायल बच्चो के इलाज के लिए ले लिए 4 सौ रुपये..कलेक्टर मंत्री के आदेश का भी नही हुआ असर….बालोद जिले में भ्रष्टाचार चरम पर*

 

बालोद- बालोद जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्टक्लास बनाने डीएमएफ से राशि तो खर्च किये लेकिन इन राशि से हुए काम कितना गुणवत्तापूर्ण हुआ हुआ इसपर किसी ने ध्यान नही दिया जिसके नतीजा दिखा भैंसबोड़ आंगनबाड़ी केंद्र में जहां डौंडी ब्लाक के भैंसबोड़ में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक तीन में सोमवार को स्मार्ट क्लास रूम की दीवार पर लगाए गए टाईल्स उखड़कर गिरने से चार बच्चे  घायल हो गए। घटना के बाद गांव में अफरातफरी मच गई। जिसके बाद सभी घायल बच्चो को इलाज के लिए आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया।

बच्चो के घायल होने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर जनमेजय महोबे ने गंभीरता से लिया व तत्काल भैंसबोड़ में 108-एम्बुलेंस भेजने तथा घायल बच्चो  को जिला अस्पताल लाने और बेहतर उपचार के निर्देश चिकित्सकों को दिए। इसके बाद कलेक्टर महोबे और पुलिस अधीक्षक गोवर्धन राम ठाकुर ने जिला अस्पताल पहुंचकर बच्चो के उपचार की जानकारी ली।इस दौरान कलेक्टर ने जहां बच्चो  से बातचीत की और उनके परिजनों से भी चर्चा की। लेकिन कलेक्टर के निर्देश का जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर कितना असर हुआ ये दोपहर तक मामला उजागर हो गया जब बच्चो के  इलाज के लिए पैसे मांगने का मामला सामने आया

मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा घटना की होगी जांच,अधिकारियों को दिए निर्देश

सूबे की महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने अपने विधानसभा अंतर्गत ग्राम भैसबोड़ के आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चो के घायल होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले में कलेक्टर को घटना की जांच कर दोषियों के विरूद्घ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री भेंड़िया ने घायल बच्चो के समुचित इलाज और देख-भाल के भी निर्देश कलेक्टर को दिए हैं। उन्होंने इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सुनिश्चित करने को कहा है।

 
 

कलेक्टर मंत्री के सख्ती का नही हुआ कोई असर इलाज के नाम पर मांगे 400 रुपए

मामला भैंसबोड़ हादसे के सामने आने के बाद मामला दो बिंदुओं पर अटक पहला लापरवाही दूसरा भ्रष्टाचार लेकिन यह भ्रष्टाचार सिर्फ आंगनबाड़ी तक नही रहा बल्कि इसकी जड़ें जिला अस्पताल भी पहुंच गया सिस्टम के भ्र्ष्टाचार के शिकार हुए घायल बच्चो को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया मामले की गंभीरता को देख कलेक्टर एसपी भी पहुंचे लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों की मानवता तो मरी कलेक्टर औऱ मंत्री के निर्देश का भी इन पर असर नही हुआ और घायल बच्चो के परिजनों से इलाज के नाम पर पैसे की मांग किये जाने लगे जिसको लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

दरअसल घायल बच्चो  के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष व बीजेपी के नेता पहुंचे हुए थे। इस दौरान किसी ने इलाज के लिए 400 रुपए लिए जाने की बात भाजपा नेताओं को कह दी। जिसके बाद नेताओ का गुस्सा भड़क उठा। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर ने अस्पताल प्रबंधन को जमकर खरीखोटी सुनाई। उनका कहना था कि सरकारी उपक्रम में बच्चों घायल हुए थे फिर उनके परिजनों से पैसा क्यों लिया गया। घायल बच्चो  के उपचार को लेकर लेकर कलेक्टर निर्देश देकर जा रहे लेकिन अस्पताल प्रबंधन को कलेक्टर तक का भय नहीं। मतलब साफ नजर आ रहा है कि जिला अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों को न मंत्री का डर न कलेक्टर का इलाज के नाम पर इनकी मनमानी पहले भी चलती थी और आज भी चलती है लेकिन इनको सुधारने अब तक किसी ने कोई प्रयास नही किया जिसके चलते अब इनके अंदर की मानवता भी मर चुकी है

 

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