प्रदेश रूचि

बड़ी खबर :- NH30 में भीषण सड़क हादसा,दुर्घटना में 4 लोगो की हुई मौतदेखिए कलेक्टर साहब बालोद आरटीओ की मेहरबानी से अनफिट बसों की बढ़ी रफ्तार… इधर बालोद परिवहन संघ ने भी सांसद के पास रख दी अपनी मांगकुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाई


समस्या:- बालोद जिले में 47 आयुर्वेद औषधालय… लेकिन महज 17 औषधालयों में ही चिकित्सक दे रहे सेवाएं..बाकी औषधालयों में चिकित्सको की व्यवस्था पर क्या कहते है जिम्मेदार…

बालोद- सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का दावा कर रही है। इसके लिए सरकार ने जगह-जगह आयुर्वेद औषधालय भी खोल दिए गए हैं, लेकिन यहां पर चिकित्सक नियुक्त नहीं होने से मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। अधिकतर औषधालयों में चिकित्सक के पद रिक्त होने से ये भृत्यों व कंपाउंडरों के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं। जिले में मात्र 17 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं जबकि 30 औषधालय का संचालन भगवान भरोसे चल रहा हैं। स्वयं का भवन आज तक नहीं बन पाने के कारण जिला अस्पताल परिसर के दो कमरों में संचालित जिला आयुर्वेद स्पेश्लाईज्ड थैरेपी सेंटर के साथ ही जिले के 47 ग्रामों में संचालित आयुर्वेदिक औषधालयों में से महज 17 औषधालयों में ही आयुर्वेद चिकित्सक की पदस्थापना हुई है, शेष 30 औषधालयों का संचालन भगवान भरोसे किया जा रहा है। वहीं जिले के चार स्थानों में बालोद, दल्लीराजहरा, डौण्डी तथा अर्जुन्दा में संचालित शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय का संचालन महज एक होम्योपैथी चिकित्सक के भरोसे चल रही हैं। उल्लेखनीय है कि चिकित्सकों के साथ ही जिले में संचालित होम्योपैथी चिकित्सालय में चारों होम्योपैथी फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं, यथास्थिति आयुर्वेद फार्मासिस्ट की बनी हुई है वहीं जानकारीनुसार 18 औषधालय सेवक (भृत्य) के पद भी रिक्त हैं जिनकी पदस्थापना पर किसी का ध्यान नहीं है।

चिकित्सको की कमी से जूझ रहे जिले के आयुर्वेदिक औषधालय

चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ की कमी के चलते जिले में आयुर्वेद तथा होम्योपैथी चिकित्सा सुविधा का समुचित लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल पा रहा है। बता दे कि रोगों का समुचित उपचार आयुर्वेद तथा होम्योपैथी चिकित्सा में उपलब्ध हैं. लाखों रूपए खर्च होने के पश्चात् भी ऐलोपैथी तथा सर्जरी से बीमारी ठीक नहीं होने पर लोग आयुर्वेद तथा होम्योपैथी पद्धति से उपचार कराकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग आयुर्वेद तथा होम्योपैथी चिकित्सा पर विश्वास रखते हैं उसके पश्चात् भी जिले में आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथी चिकित्सालय की स्थिति सुधारने में किसी का कोई ध्यान नहीं है।

चिकित्सा सुविधा में नही हो रहा विस्तार

जिले में प्रदेश के सत्तासीन सरकार के मंत्री, संसदीय सचिव तथा वरिष्ठ विधायक होने के पश्चात् भी जिले की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा के विस्तार में लगभग तीन वर्षों में भी एक सार्थक पहल नहीं होना चिंता का विषय है. विदित हो कि जिला मुख्यालय में विगत् 40 वर्षों से होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित है लेकिन आज तक होम्योपैथी सेंटर का स्वयं का भवन नहीं बन पाया है. सेंटर में कार्यरत् होम्योपैथी चिकित्सक की सेवानिवृत्ति पश्चात् वर्तमान में औषधालय सेवक के भरोसे होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित है वहीं जिला आयुष विभाग का भी भवन नहीं होने से नगर के मध्य पूर्व में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन के दो गोदामनुमा कमरों में जिला आयुर्वेद अधिकारी कार्यालय का संचालन किया जा रहा है जो स्वयं कर्मचारियों की समस्या का सामना कर रहा है।

 

विभाग में रिक्त पदों एवं भवन की कमी की जानकारी आयुष विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है. रिक्त पदों पर पदस्थापना एवं भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक मिलेगी नहीं बता सकता, यह शासन स्तर की बात है।

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ आशुतोष पाठक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!