आज छत्तीसगढ़ सरकार का बजट पेश होने के बाद इस बजट को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा ऐतिहासिक बजट बताया जा रहा है वही इस बजट को संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने इसे अपने साथ अन्याय बताया वही भूपेंद्र साहू, जिला अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ जिला बालोद ने कहा कि चौथे बजट 2022 में मुख्यमंत्री प्रत्येक वर्ग को न्याय सुनिश्चित करने की बात किये है पिछले 3 सालों से प्रदेश के लाखो अनियमित कर्मचारी नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं 3 साल बीत जाने के बाद भी अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया जाना और भूपेश सरकार ने चौथे बजट में भी अनियमित कर्मचारियों को अनदेखा करने का काम किया है आखिर भूपेश सरकार ने इस बजट में किस वर्ग को न्याय दिलाने की बात कही है यह समझ से परे है क्योंकि अनियमित कर्मचारियों को 3 साल हो गए न्याय नहीं मिला है आज का बजट अनियमित कर्मचारी विरोधी बजट है, इसी प्रकार सदन में माननीय सदस्यों के प्रश्नों पर माननीय मुख्यमंत्री का जवाब संतोष जनक नहीं कहा जा सकता, विगत 3 वर्षों में अनियमित कर्मचारियों का संख्यात्मक जानकारी नहीं जुटा पाना, गठित समिति की बैठक 3 वर्ष में मात्र एक बार होना, महाधिवक्ता से विगत 3 वर्षों में अभिमत नहीं आना अनियमित कर्मचारियों के प्रति एक साजिस प्रतीत होता है| भूपेश सरकार के इस कार्यवाही से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ निराश और आक्रोशित है और अपने 5 सूत्रीय मांगों को लिए जमीन-आसमान एक कर आगामी समय में अनियमित आन्दोलन को उग्र करेगा|
श्री ओमप्रकाश साहू,जिला संयोजक ने बताया कि यह बजट धोखा का बजट है क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री एवं श्री टी.एस. सिंहदेव एवं अन्य कांग्रेस वरिष्ठ जनप्रतिनिधि हमारे संघर्ष के दिनों में हमारे मंच में आये और उनकी सरकार बनाने पर हमें 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया| वादे के अनुरूप हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने को स्थान दिया| चुनाव के दौरान अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को भी कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाये थे| माननीय मुख्यमंत्री ने दिनांक 14.02.2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच से पुनः इस वर्ष किसानों के लिए, आगामी वर्ष कर्मचारियों के लिए बात कही| अद्यतन 3 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत भी सरकार द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की जा रही है|झरना नामदेव,श् चंद्रशेखर, नीलम चंद्राकर, नीरज वर्मा, अरुण नायक पदाधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों का विगत 04-05 माह का वेतन अप्राप्त होना। निरन्तर विभागों द्वारा वित्त एवं आवश्यकता तथा अन्य कारणों का हवाला देते हुए सेवा से पृथक किया जाना, विगत तीन वर्षों से अनियमित (संविदा) कर्मचारियों का किसी भी प्रकार से वेतन वृद्धि नही किया जाना। विधानसभा में अनियमित कर्मचारियों के प्रश्नों को आग्रहया कर पटल पर न रखते हुए नियमितीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कार्यवाही को विलम्ब किया जाना से अनियमित कर्मचारी आक्रोशित है| रीता शर्मा,दीपमाला यदु, पुरन साहू, विश्राम देवांगन ने कहा कि सरकार के इस वादा खिलाफी से प्रदेश के लाखो अनियमित कर्मचारी/अधिकारी ठगा महसूस कर रहा है तथा अत्यधिक आक्रोशित है| आगामी समय में अनियमित आन्दोलन को समग्र रूप उग्र किया जावेगा|