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पंचायत सचिवों का शासकीयकरण की मांग के बाद सीएम भी आश्वासन देकर भूले..फिर पंचायत का काम छोड़ आंदोलन की राह पकड़े पंचायत सचिव

बालोद-छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संध ने परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण करने की मांग को लेकर सोमवार को नया बस स्टैंड के टेक्सी स्टैंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर वादा निभाओ रैली निकालकर मुख्यमंत्री , पंचायत मंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा। पंचायत सचिव संध ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में सकारात्मक पहल कर हमारी मांग को संस्करण को बजट में शामिल नहीं किया गया तो 9 मार्च को प्रदेश की राजधानी रायपुर में प्रदेश पंचायत सचिव संघ के समस्त 10568 पंचायत सचिवों द्वारा विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी शासन प्रशासन को दिया हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा वादा किए गए समय के 2 माह बीत जाने के बाद भी शासकीयकरण के सबंध नही की सकारात्मक पहल

पंचायत सचिव संध के जिलाध्यक्ष योगेश चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रांत में विगत 26 वर्षों से 1056 पंचायत सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं , ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं , संगठन द्वारा अपनी लंबित मांग शासकीय करण के संबंध में 26 दिसंबर 2020 से 22 जनवरी 2021 तक कुल 28 दिन शासन का ध्यानाकर्षण करने हेतु गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन किया था । पंचायत मंत्री टी एस सिंदेव दिनांक 22 जनवरी 2021 को हड़ताल स्थगित कर दिनांक 24 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री द्वारा माह दिसंबर 2021 में शासकीय करण का सौगात देने का वादा किया गया था किंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वादा किए गए समय के 2 माह बीत जाने के बाद भी हमें शासकीय करण के संबंध में कोई सकारात्मक पहल नहीं करने के कारण पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ द्वारा वदानिभाओ रैली निकालकर शासन प्रशासन ध्यानाकर्षण किया गया।

सात सूत्रीय मांगे

 

जिला उपाध्यक्ष ने बताया की सात सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं। वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 में ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु कोविड से संबंधित सभी प्रकार के कार्य जैसे कोविड टेस्ट, टीकाकरण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों का सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है।
छ.ग. शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना नरूवा, के तहत ग्राम गौठान एवं मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। शासन / प्रशासन के दिशा-निर्देश एवं पंचायत सचिवों के कड़ी मेहनत / कार्य के प्रति लगन एवं सच्ची निष्ठा का ही परिणाम है कि छ.ग. शासन को 4 राष्ट्रीय पंचायत सचिव दिवस पर 12 राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित किया जाना इस बात का प्रमाण हैं। पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु छ.ग. प्रदेश के 65 विधायको द्वारा अनुशंसा किया गया है। पंचायत सचिवों को कार्य करते हुए 25 वर्ष से अधिक हो गए है। पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है। पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने से शासन / प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड़ आएगा जो कि नहीं के बराबर है। धरना प्रदर्शन में पंचायत सचिव संध के जिलाध्यक्ष योगेश चन्द्राकर,जिला उपाध्यक्ष कुमलाल साहू,सचिव रोहित सिन्हा, महासचिव टीकाराम निषाद,चुनुराम सिन्हा, महिला उपाध्यक्ष सुनीता तारम, सहसचिव तिलकराम साहू,कौशल नंदन,ओमप्रकाश महल्ला,देवलाल मलेकर, त्रिवेणी जंजीर,रामकुमार, नागेश पटेल सहित बड़ी सख्या में जिले भर के पंचायत सचिव उपस्थित रहे।

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