अनुपस्थित पंचों को लेकर चर्चा
मतदान के दौरान अनुपस्थित पंचों की संख्या को लेकर ग्राम पंचायत में जमकर चर्चा रही। मतदान के पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाएगा, लेकिन मतदान के दौरान 6 पंचों की अनुपस्थिति से ही लगने लगा था कि इसके पीछे जरूर कोई खेल हुआ है और लोग अंदाजा लगा रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव शायद पास ना हो सके और हुआ यही भी। 6 पंचों की अनुपस्थिति के कारण अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पर्याप्त मत नहीं पढ़े और प्रस्ताव गिर गया। इस तरह उपसरपंच सुहागा विश्वकर्मा अपने पद पर पूर्व की तरह यथावत बनी हुई है, एक तरह से उनके विरुद्ध लाई गई अविश्वास प्रस्ताव पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इस उपलब्धि पर ग्राम पंचायत सरपंच लोकेश्वरी देवहारी ने ग्राम पंचो के निर्णयों का स्वागत किया तथा कहा कि कुछ नाराजगी हर ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के मध्य होता जा रहा है। परंतु हर किसी त्रुटि का निराकरण मिल बैठकर किया जा सकता है। इस अविश्वास प्रस्ताव पर जो मुहर पंचो द्वारा आज दी गई वह सरहानीय है चूंकि सत्य की विजय हमेशा से होती आ रही है और आगे भी होती रहेगी।
गौरतलब है कि जोहन सिंह हिडको ग्राम पंचायत पंच ठेमा बुजुर्ग द्वारा एसडीएम डौंडीलोहारा को ज्ञापन देकर ग्राम पंचायत के उपसरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने बाबत ज्ञापन सौंपा गया था। जहां आज स्वयं एसडीएम संबंधित ग्राम पंचायत पहुँच नियमतः अविश्वास प्रस्ताव पर विधिवत प्रक्रिया में उपस्थिति दर्ज कराई गई है। और ग्राम पंचायत के 19 सदस्यों मे से केवल 13 सदस्यों ने ही भाग लिए, उन्होंने कहा कि 13 सदस्यों में से एक सदस्य ने मतदान में कोई विचार ही नही किया। इस तरह तीन चौथाई व दो तिहाई आंकड़े के अनुसार उपसरपंच की अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो गई है और वह अपने पद पर यथावत आसीन रहेंगी। आधे से कुछ ग्रामीण जन भी उपसरपंच के वर्तमान कार्यकाल की प्रसंसा करते नजर आए वही ग्राम सरपंच भी उपसरपंच की कार्यशैली की प्रसंसा कर रही है।
पुराने विवाद के चलते लाया था अविश्वास प्रस्ताव।
ज्ञात हो कि यहां के पंचों ने उप सरपंच के खिलाफ गांव में किसी विवाद को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया था। बताया जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन में पर्याप्त संख्या में पंचों के हस्ताक्षर होने के बाद ही मतदान की तिथि तय की गई थी।