मां-पिता को प्रणाम कर लगाया गले
कार्यक्रम का शुभारंभ पूजा-अर्चना से हुआ इसके बाद धार्मिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। जिलाभर से आएं सैकड़ो बच्चों ने अपने माता-पिता को सबसे पहले आसन पर बिठाया। इसके बाद पूजा की थाली में अक्षत, रोली, गुलाल और फूल लेकर पूजन-अर्चन किया। सबसे पहले सिर पर पानी छिड़के फिर रोली लगाया। इसके बाद दीपक से आरती उतारी और उनके चरणों में गुलाब फूल अर्पण कर मुंह मीठा कराया। इसके बाद प्रणाम कर माता-पिता की परिक्रमा कर उन्हें गले लगाया। कार्यक्रम में तीन साल के बच्चे से लेकर युवक और युवतियां सहित माता-पिता शामिल थे।
संस्कृति से आज की पीढ़ी को अवगत कराना उद्देश्य
आयोजक पुरुषोत्तम राजपूत ने बताया कि 14 फरवरी को पूरी दुनिया वैलेंटाइन-डे (प्रेम दिवस) के रूप में मनाया जाता है। यह संस्कृति भारत में भी धीरे-धीरे पनप रही है। इसके इतर यहां के बच्चों को अपनी पुरानी भारतीय संस्कृति से परिचित कराने इस कार्यक्रम का आयोजनसामूहिक रूप से किया गया। संस्था का उद्देश्य वैलेंटाइन-डे का विरोध करना नहीं बल्कि अपनी संस्कृति से आज की पीढ़ी को अवगत कराकर अपनी लाइन बढ़ाना है।