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अवैध प्लॉटिंग मामले में नोटिस देकर भुला पालिका प्रशासन… जानकारी मांगने पर क्या कहते है सीएमओ..

बालोद-जिला मुख्यालय में चल रहे अवैध प्लांटिंग पर नगर पालिका द्वारा 17 भूस्वामियों को नोटिस जारी कर प्लॉट में लगी खंभा को हटाने के बाद तीन दिवस के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया था।लेकिन नगर पालिका द्वारा 23 दिन बीत जाने के बाद भी भूस्वामियों पर दरियादिली दिखाते हुए अब तक कोई कार्यवाही नही की जा रही है। वही इस मामले पर नगर पालिका के सीएमओ कुछ भी बोलने को तैयार नही है। नगर पालिका के अधिकारी केवल खानापूर्ति के लिए भूमिस्वामियो को नोटिस जारी किया गया लेकिन भूस्वामियों ने पालिका के नोटिस को दरकिनार कर धड़ल्ले से आज भी अवैध प्लांटिंग बेची जा रही है।वही अवैध प्लांटिंग में लगी सीमेंट का खंभा को भी नही हटाया गया है।जिला मुख्यालय के क्षेत्रों में कृषि भूमि को भूमाफिया द्वारा शासन के आदेश को दरकिनार करते हुए अवैध प्लांटिंग धड़ल्ले से किया जा रहा है। बालोद और पाररास हल्का नंबर में अवैध प्लांटिंग पर रोक लगाते हुए नगर पालिका बालोद के सीएमओ ने 11 जनवरी को 17 भूमि स्वामी को नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर किए जा रहे अवैध प्लाटिंग ( मुरुम रोड व चिन्हांकन हेतु सीमेंट खंभा ) को हटाकर नगर पालिका कार्यलय को लिखित में अवगत कराने नोटिस जारी किया गया था लेकिन भूमाफिया द्वारा 23 दिनों के बाद भी नगर पालिका के नोटिस को दरकिनार कर प्लांट बेचे जा रहे है और न ही अवैध प्लांटिंग में लगाई गई सीमेंट का खंभा को हटाया है।इस प्रकार से नगर पालिका द्वारा जारी किए गए नोटिस का खुलेआम अवहेलना की जा रही है।

भूमाफियाओं द्वारा आज भी ग्रामीण अंचलों में की जा रही अवैध प्लांटिंग

लंबे अरसे से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में बड़े भू-भाग पर अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है और पटवारी, आरआई व तहसीलदार चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कई जगहों पर कॉलोनी भी खड़ी हो गई, लेकिन राजस्व विभाग मौन है। जिले में अवैध प्लाटिंग की खबर जब मीडिया में आई तो राजस्व विभाग की नींद खुली, लेकिन नगर पालिका के पाले में गेंद डालकर ग्रामीण एरिया में चल रहे अवैध प्लाटिंग के मामले में चुप्पी साध रखी है। आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में भू माफियाओं द्वारा कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का कारोबार बदस्तूर जारी है। कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते इन भू माफिया का इस पर एक तरफा राज चल रहा है। शासन प्रशासन से ये लोग इतने बेखौफ हो गए हैं कि आदिवासी जमीनों का भी शोषण करने से नहीं चूक रहे हैं।

नक्सा बनाकर काट रहे प्लांट

नियमों के अनुसार किसी प्लाट के चार भाग करने यानी चार प्लॉट बनाकर बेचने पर टाउन प्लानिंग से लेआउट पास करवाना जरूरी होता है। लेआउट में ही दर्शाया जाता है कि सड़क कहां-कितनी चौड़ी होगी, बिजली खंभे और सीवरेज सिस्टम कैसे बनेगा। इसका खर्च भी बहुत कम है। लेकिन लेआउट पास करवाने के बजाय खुद ही नक्शा बनाकर काट रहे हैं प्लाट।

अवैध प्लाटिंग के संबंध मे पालिका ने 17 भूस्वामियों को थमाया था नोटिस ,इसके बाद भी नही हटाए सीमेंट खंभा

नगर पालिका द्वारा 17 भूस्वामियों को जारी किया गया था।इसमें बताया गया था कि आपके द्वारा नगर पालिका सीमाक्षेत्र अंतर्गत भूमि जिस पर अवैध रूप से प्लाटिंग किया जा रहा है जिसके लिए मुरूम रोड एवं चिन्हांकन हेतु सीमेन्ट खबा लगाया गया है अवैधानिक एवं आपत्तिजनक एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 के विपरीत है। पत्र प्राप्ति के 03 दिवस के भीतर किये जा रहे अवैध प्लाटिंग (मुरूम रोड एवं चिन्हांकन हेतु सीमेन्ट खबा) हटाकर इस कार्यालय को लिखित में अवगत करने और जवाब नही देने पर नियमानुसार कार्यवाही करने की चेतावनी जारी किया था इसके बाद भी भूमाफियाओं द्वारा 23 दिन बीत जाने के बाद भी अवैध प्लांट में लगाए गए सीमेंट के खंभे को नही हटाया गया ।

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