भूमाफियाओं द्वारा आज भी ग्रामीण अंचलों में की जा रही अवैध प्लांटिंग
लंबे अरसे से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में बड़े भू-भाग पर अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है और पटवारी, आरआई व तहसीलदार चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कई जगहों पर कॉलोनी भी खड़ी हो गई, लेकिन राजस्व विभाग मौन है। जिले में अवैध प्लाटिंग की खबर जब मीडिया में आई तो राजस्व विभाग की नींद खुली, लेकिन नगर पालिका के पाले में गेंद डालकर ग्रामीण एरिया में चल रहे अवैध प्लाटिंग के मामले में चुप्पी साध रखी है। आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में भू माफियाओं द्वारा कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का कारोबार बदस्तूर जारी है। कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते इन भू माफिया का इस पर एक तरफा राज चल रहा है। शासन प्रशासन से ये लोग इतने बेखौफ हो गए हैं कि आदिवासी जमीनों का भी शोषण करने से नहीं चूक रहे हैं।
नक्सा बनाकर काट रहे प्लांट
नियमों के अनुसार किसी प्लाट के चार भाग करने यानी चार प्लॉट बनाकर बेचने पर टाउन प्लानिंग से लेआउट पास करवाना जरूरी होता है। लेआउट में ही दर्शाया जाता है कि सड़क कहां-कितनी चौड़ी होगी, बिजली खंभे और सीवरेज सिस्टम कैसे बनेगा। इसका खर्च भी बहुत कम है। लेकिन लेआउट पास करवाने के बजाय खुद ही नक्शा बनाकर काट रहे हैं प्लाट।
अवैध प्लाटिंग के संबंध मे पालिका ने 17 भूस्वामियों को थमाया था नोटिस ,इसके बाद भी नही हटाए सीमेंट खंभा
नगर पालिका द्वारा 17 भूस्वामियों को जारी किया गया था।इसमें बताया गया था कि आपके द्वारा नगर पालिका सीमाक्षेत्र अंतर्गत भूमि जिस पर अवैध रूप से प्लाटिंग किया जा रहा है जिसके लिए मुरूम रोड एवं चिन्हांकन हेतु सीमेन्ट खबा लगाया गया है अवैधानिक एवं आपत्तिजनक एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 के विपरीत है। पत्र प्राप्ति के 03 दिवस के भीतर किये जा रहे अवैध प्लाटिंग (मुरूम रोड एवं चिन्हांकन हेतु सीमेन्ट खबा) हटाकर इस कार्यालय को लिखित में अवगत करने और जवाब नही देने पर नियमानुसार कार्यवाही करने की चेतावनी जारी किया था इसके बाद भी भूमाफियाओं द्वारा 23 दिन बीत जाने के बाद भी अवैध प्लांट में लगाए गए सीमेंट के खंभे को नही हटाया गया ।