बालोद-बालोदवासियों को शुद्ध जल देने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में जल आवर्धन योजना की शुरुआत तत्कालीन भाजपा सरकार ने की थी। इसके बाद धीरे-धीरे काम होना शुरू हुआ, ठेकेदार भी बदलें गए, निर्माण कार्य में तेजी लाने का हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन आज 8 साल बीत जाने के बावजूद भी नगरवासी पीने के साफ पानी की समस्या से जुझ रहे हैं। नलों से गंदा पानी आ रहा है। उक्त समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने गुरुवार को नगर पालिका के सीएमओ व नगर पालिका अध्यक्ष को ज्ञापन सौपते हुए नगरवासियों को शुध्द पेयजल देने की मांग की है।वही एक सप्ताह के अंदर नगरवासियों को शुध्द पेयजल नही दिया गया तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी शासन प्रशासन को दिया है।
आधे अधूरे फिल्टर प्लांट को मुख्यमंत्री ने किया उद्धाटन
प्रदेश प्रवक्ता डॉली साहू ने कहा कि बलोद शहर में जल आवर्धन योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे आधे अधूरे फिल्टर प्लांट का उद्धाटन स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बधेल द्वारा लगभग 20 दिन पहले कराया गया था।लेकिन आज तक बालोद के नगरवासियों को वही गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।उन्होंने बताया कि गंदे पानी पीने के कारण नगर वासियों का स्वास्थ्य में गभीर बीमारियों की आशंका बनी हुई है। आए दिन नलों से गंदा पानी आने से पीने को दूर मुह धोने लायक नही है।लोग जैसे तैसे मजबूरी में गंदा पानी पीने को मजबूर हो गए हैं।
लोग पानी को छानकर या गर्म कर बुझा रहे हैं प्यास
शहर के अधिकाश नलो में गंदा पानी लगातार आने से लोगो को मजबूरी में पानी का सेवन करना पड रहा हैं जिससे लोगो के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड रहा हैं। इस दौरान लोगो के स्वास्थ्य खराब होने से डॉक्टर भी पानी को गर्म कर पीने की सलाह दी जा रही हैं। नलो में आ रहे गंदे पानी की जानकारी नगर पालिका के अफसरों व जनप्रतिनिधियों को भी है उनका कहना हैं की जब तक जल आवर्धन योजना प्रारभ नही होगा तब तक यही स्थिति रहने वाली हैं।शहर के कई वार्डों में पिछले कई महीनो से नलों में लगातार गंदा पानी ही निकल रहा हैं।लोग किसी भी तरह पानी को छानकर या गर्म कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। लोगो ने बताया कि पानी की समस्या आज की नहीं है। कई महीनों से गंदे पानी को गर्म कर पीना पड़ रहा है। वार्ड के अधिकाश घरों में नल से गंदा पानी आ रहा है।नल में पानी आने के बाद साफ पानी का इंतजार करते करते नल बंद हो जाता हैं लेकिन साफ पानी के लिए तरस जाते हैं।गंदे पानी होने से नहाने के लिए भी सोचना पड़ता हैं।यह समस्या से परिवार सहित वार्ड वासी काफी परेशान हो गए हैं।
गंदे पानी से सफेद कपड़े धोने से हो जाता है मटमैला
उक्त समस्या एक वार्ड की नहीं बल्कि पूरे शहर की है। गंदे पानी से सफेद कपड़े धोने से कपड़े हो जाती है मैटमैला ।शहर में पिछले कई वर्षों से गंदे पानी की आपूर्ति एक बड़ी समस्या हैं। नलों से मैटमैला गंदा पानी निकल रहा है। वहीं कुछ वार्डों में पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। समय-समय पर नल से आने वाला पानी इतना गंदा होता है कि न उससे नहाया जा सकता है न ही कपड़ें धोए जा सकते है। फिल्टर प्लांट का सफलतापूर्वक किया जा चुका हैं ।पालिका द्वारा बालोद शहर के लिए स्वीकृत जल आवर्धन योजना जून माह में पूरा होने व लागू होने की उम्मीद थी लेकिन अब जुलाई माह भी आ गया हैं।परन्तु अब तक शहरवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए और इंतजार करना पड़ रहा है।नगर पालिका अधिकारी भी शहर वासियों को कब तक शुध्द पानी मिलेगा नही बता पा रहे हैं। ज्ञापन सौपने के दौरान दीपक आरदे, बिसेसर सिन्हा, डाली साहू,बालक सींग साहू,देवेंद्र सिंह देशमुख सहित आदि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे।