बालोद-खून के जरूरतमंद लोगों के बीच जिले में कई ऐसे समाजसेवी है जो अपना खून देकर किसी की जान बचाने में अहम भूमिका निभाते है…और इनके बीच जिले में एक ऐसा ग्रुप जिनको सिर्फ मालूम यह हो जाए कि कोई भी व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी व रक्त की कमी से उसकी जान जा सकती है…. उनकी मदद व ब्लड देने में पीछे नहीं हटते हैं…और जरूरतमंद को रक्तदान करने पहुंच जाते है…. शहर का एक ऐसा ही युवा आज से 18 साल पहले रक्तदान की पहल शुरू की…. अब यह सैंकड़ो लोगों का पूरा समूह बन चुका है… जो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करने के लिए तैयार रहता है
18 साल की उम्र से राजू तोप शर्मा नामक युवक ने ब्लड डोनेट करने की पहल की… शुरुआत में वह अकेले ही हर तीन माह में अपना रक्त को दानकर दूसरों की मदद करते थे, लेकिन तब वह भी इस बात से अनजान थे कि उसका यह प्रयास दूसरों को भी आकर्षित करेगा। धीरे-धीरे उसके साथ बालोद और आसपास के लोग जुड़ने लगे…देखते ही देखते यह एक समूह के रूप में परिवर्तित हो गई….वर्तमान में इस समूह में सदस्यों की संख्या सैकड़े की संख्या को पार कर चुकी हैं…. ग्रुप में सभी प्रकार के ब्लड-ग्रुप वाले लोग हैं, जो हमेशा जरूरत मंदों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं….समूह में अधिकांश सदस्य युवा है, अपने कामकाज से थोड़ा समय निकाल कर वे लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं… उनके इस पहल से उनके परिजन भी काफी उत्साहित और खुश है…..इन उत्साही युवकों द्वारा अब तक दर्जनों बार रक्तदान कर कई जिंदगियां बचाई गई है….और इनके द्वारा रक्तदान को लेकर जो लोगो मे गलतफहमी है .उसे लेकर भी युवाओं को जानकारी देकर उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित करते है…और इसके बदौलत आज लगभग 150 युवाओं का फ़ौज खडा हो चुका है और इनके पहल से अब तक हजारों लोगों की जान भी बचाई जा चुकी है
● करते हैं रक्तदान, नहीं मिलते मरीज से ●
समूह के सदस्य रविंद्र कुमार बताते हैं कि सप्ताह में एक से दो बार उनके सदस्यों द्वारा जरूरतमंदों को ब्लड दिया जाता है। अब तक उन्होंने 25 से 30 लोगों को ब्लड दिया है, लेकिन किसी भी मरीज से उनकी मुलाकात नहीं हुई। पीड़ित के परिजनों से उनकी बात होती है, और वे ब्लड देकर चले आते हैं। इतना ही नहीं इस नेक कार्य के लिए समूह के सदस्य किसी तरह का कोई प्रचार-प्रसार भी नहीं करते हैं।
● बनाया लाइफ डोनर व्हाट्सएप ग्रुप ●
आपके खून से अगर किसी की जान बच सकती है तो इससे बड़ा कोई फर्ज नहीं हो सकता। इस ठानते हुए बालोद के उत्साही युवाओं ने 2014 से लाइफ डोनर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसके माध्यम से वह लोगों को मुफ्त रक्त मुहैया कराते है। अब तक सैकड़ो जरूरतमंदों को रक्त देकर जान बचा चुके है। इतना ही नहीं ज़िलें के अलावा बाहर के लोगों को भी रक्त मुहैया कराते हैं। उनका मकसद है कि रक्त की वजह से कोई अपनी जान न गवां पाए। व्हाट्सएप ग्रुप में लगभग 200 युवा जुड़े है। किसी भी सदस्य को पता चलता है कि किसी को ब्लड की जरूरत है तो ब्लड ग्रुप व मरीज का नाम उसमें डाला जाता है। फिर उस ब्लड ग्रुप वाला सदस्य जरूरतमंद तक स्वयं के खर्चे में हाजिर होकर रक्तदान करता है।
● मकसद सिर्फ लोगों की जिंदगी बचाना ●
इन युवाओं का मकसद सिर्फ लोगों की जिंदगी बचाना है। इस ग्रुप पर एक मैसेज आते ही सदस्य रक्तदान के लिए पहुंच जाते हैं और रक्तदान कर नजीर पेश करतें है। व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय रक्तदाताओं को जोड़ कर जरूरतमंदों की मदद शुरू की गई। इस ग्रुप के सदस्य न केवल खुद रक्तदान करते हैं, बल्कि दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रक्तदान कराते हैं। ग्रुप के सदस्य हर महीने औसतन 10-15 ऐसे जरूरतमंदों की मदद करते हैं, जिनके पास रक्त देने वाला कोई नहीं होता है।
● इन युवाओं पर शहर को है नाज ●
खून की कमी के कारण किसी की जान न जाए, इसके लिए शहर के उत्साही युवा रक्तदाताओं के इस पहल खूब सराहा जाता है। शहर के लोगो का कहना है कि राजू तोप शर्मा, विनोद बंटी शर्मा, समीर खान, जितेंद्र पांडेय, नोहर, देवेंद्र साहू, मनीष पाठक, शरद ठाकुर, कुलदीप यादव, रविंद्र नेताम, शाहरुख खान, अजय यादव, प्रशांत पवार, गोविंदा टावरी सहित रक्तदान, महादान के पुण्य कार्य मे जुड़े लोगो पर शहर को नाज है।