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7 साल पहले बने पीएमजीएसयाई की सड़क हुआ जर्जर…इस मार्ग पर चलना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती .. मामले पर अधिकारी ने क्या कहा

बालोद। विकासखंड बालोद अंतर्गत ग्राम साकरा से चूल्हापथरा गुरुर तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क मार्ग गड्ढे में तब्दील हो चुका है। लगभग सात साल पहले निर्मित इस 32 किलोमीटर मार्ग में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं। मार्ग से लगे दर्जनों गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन चुका है।शासन द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से सीधे तौर पर जोड़ने शुरू किया गया था। यही मार्ग अपनी दुर्दशा की वजह से गांवों को शहरों से और भी दूर कर रहा है। कुछ ऐसी ही बदहाल दशा से ग्राम पंचायत ग्राम साकरा से गुरुर तक बनाए गए पीएमजीएसवाई के पहुंच सड़क की है। खासकर बारिश के मौसम में सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाने की वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को अक्सर दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है। निर्माण के सात वर्ष बाद भी सड़क के जीर्णोद्घार, नवनिर्माण अथवा मरम्मत के जरिए सुधार की कवायद नहीं किए जाने से गड्ढों की साइज बढ़ती जा रही है। अपनी समस्या लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा जनसमस्या निवारण शिविरों से लेकर कलेक्टर जनदर्शन व विभाग को भी की जा चुकी है। बावजूद इसके इस ओर ध्यान दिए जाने की बजाय समस्या को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी पिछले चुनाव के दौरान बद से बदतर हो चली सड़कों के सुधार को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही थी, लेकिन अब वे भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को भुगतनी पड़ रही है।

ये गांव हो रहे प्रभावित

लगभग सात साल पहले बनाई गई पीएमजीएसवाई सड़क की लंबाई ग्राम पंचायत साकरा से चूल्हापथरा के बीच लगभग 32 किलोमीटर की है। इस मार्ग पर पिछले तीन वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का चलना दुभर कर दिया है। इस मार्ग से लगे गांवों में साकरा, बरही,काडे, नारागाव,किनारगोदी, पेटेचुवा, बढ़हूंम, नंगझर, चूल्हापथरा गुरुर शामिल हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क का सुधार होना चाहिए। विभाग द्वारा सड़क तो बना दिया गया, लेकिन नियमित रखरखाव नहीं होने के कारण उसमें बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं। बरसात के दिनों में पानी भर जाने के कारण पता ही नहीं चलता कि रास्ता कहां है। इसकी वजह से राहगीरों को काफी परेशानी होती है।

“साकरा से गुरुर तक सड़क निर्माण के लिए बजट में शामिल किया गया है” सीआर पवार कार्यपालन अधिकारी पीएमजीसवाई

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