बालोद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का तीसरे और अंतिम चरण का मतदान समाप्त हो चुका है लेकिन इस मतदान में आज अलग तस्वीरें सामने आई।सुबह 105 साल की बुजुर्ग महिला ने मतदान कर लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी योगदान दिए वही बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने भी इस मतदान में बढ़चढकर हिस्सा लिए।
बुजुर्गो और दिव्यांगों के इस चुनौती के बाद युवा भला कहां पीछे रहते फिर एक ऐसी तस्वीर बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम कोड़ेवा से निकलकर सामने आई जहां पर 21 वर्षीय युवा मतदाता गोमती निर्मलकर ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभुषा में मतदान केंद्र पहुंचकर अपने मत का प्रयोग कर प्रसन्नता व्यक्त की। वही मतदान करने के लिए गोमती का आकर्षक वेशभूषा अब लोगो में चर्चा का विषय रहा ।
सबसे अधिक उम्र की मतदाता बनी पुरातन बाई
इस अंतिम चरण के इस चुनाव में भी मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया है.इस चुनाव में जहां युवा,पुरुष और महिला मतदाता बढ़चड़कर हिस्सा लिए.तो वही बुजुर्ग मतदाता भी इस दौड़ में सभी वर्गो को चुनौती दे रहे है।सुबह से मतदान केंद्रों में कुछ ऐसे दृश्य भी सामने आए । जिसमे बुजुर्ग मतदाता कोई लकड़ी का सहारा लेकर तो कोई व्हील चेयर पर आकर मतदान करते नजर आए.।
तो वही बालोद जिले के तार्री मतदान केंद्र में 105 साल की पुरातन बाई मतदान करने पहुंची।105 साल उम्र सुनने के बाद लोगो को भी आश्चर्य हुआ।जिसके बाद बुजुर्ग महिला का आधार कार्ड मंगवा कर उम्र की पुष्टि किया गया.पुरातन बाई के इस जज्बे को देख ड्यूटी में तैनात मतदान कर्मचारी अधिकारी और लोग भी अचंभित नजर आए। आपको बतादे जिले सहित प्रदेश में इस चुनाव में अब तक इतने उम्र के मतदाता की कोई आधिकारिक जानकारी सामने नही आई वही बालोद जिले से 105 साल की बुजुर्ग मतदाता के रूप में पुरातन बाई संभवतः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सबसे अधिक उम्र की मतदाता बन चुकी है।हालाकि इस पूरे मामले की हम पुष्टि नहीं करते । लेकिन अब तक के आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरातन बाई सबसे अधिक उम्र की मतदाता के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुकी है।
आपको बतादे बालोद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत के अंतिम और तीसरे चरण के चुनाव के दौरान जिला प्रशासन ने इस बार महिलाओ को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. जिला प्रशासन ने बालोद जिले के 550 मतदान केंद्रों में 100 से अधिक मतदान केंद्रों पर सिर्फ महिला मतदान कर्मियो की ड्यूटी लगाई गई है. यानी कि इन केंद्रों में पीठासीन अधिकारी से लेकर सभी मतदान कर्मी महिलाएं है.जो मतदान के बाद मतगणना भी संपन्न करवाएंगी.इन केंद्रों में सुरक्षा की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई है.ताकि मतदान से लेकर मतगणना प्रक्रिया के दौरान महिला कर्मी खुद को सुरक्षित महसूस कर सके. गुरुर एसडीएम प्राची ठाकुर कि माने तो महिला मतदानकर्मियों की ड्यूटी लगाए जाने के पीछे यह उद्देश्य है कि महिला किसी भी क्षेत्र में कमजोर नही है.चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य कराने में भी वे सक्षम है.वही मतदान कार्य में लगे पीठासीन अधिकारी मंजू ताम्रकार ने बताया की मिली जिम्मेदारी से वे लोग काफी खुश है.और सही मायने में इस ड्यूटी के माध्यम से प्रशासन ने महिलाओ को और सशक्त बनाने की दिशा में एक अच्छी पहल की है और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है..तो वही महिला कर्मी भी अपने दायित्त्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए अपने सशक्त होने का परिचय दे रही है.