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बालोद- जिले में समर्थन मूल्य पर 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है। धान का परिवहन शुरूआत में ही धीमी होने के कारण केंद्रों में धान जाम होने लगा है। जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में अब तक 22 लाख 88 हजार 611 किवंटल धान की खरीदी हो गई है जिसमें से मात्र 01 लाख 42 हजार 290 किवंटल धान का ही उठाव हुआ है। जबकि 21 लाख 46 हजार 321 किवंटल धान जाम है। हालांकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा सभी केंद्रों में धान की परिवहन होने का दावा किया जा रहा है।
जिस हिसाब से खरीदी हो रही उस हिसाब से धान का नही हो रहा उठाव
जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए इस वर्ष 143 केन्द्र बनाए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए इस साल 01 लाख 54 हजार 140 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमे से 45 हजार 1101 किसानों ने खरीदी केंद्रों में धान बेचा है। इस साल 82 लाख 66 हजार 107 किवंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। धान की खरीदी ने रफ्तार पकड़ ली है। लेकिन जिस हिसाब से खरीदी हो रही है उस हिसाब से धान का उठाव नहीं हो रहा है और समितियों में धान जाम होने लगा है। उठाव नहीं होने के कारण कई खरीदी केंद्रों में बम्फर लिमिट से ज्यादा धान जाम हो गया है।
परिवहन धीमी गति से होने से खरीदी केंद्रों में 21 लाख 46 हजार 321 किवंटल धान जाम
जिले के 143 खरीदी केंद्रों में 14 नवंबर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। खरीदी के पहले दिन से केंद्रों में धान की बंपर आवक हो रही है। हालात यह है कि अब खरीदी का आंकड़ा 22 लाख 88 हजार 611 क्विंटल से पार हो गया है। जिसमे से मात्र 01 लाख 42 हजार 290 किवंटल धान का उठाव हो पाया है।जबकि 21 लाख 46 हजार 321 किवंटल धान जाम है। खरीदी केंद्रों में हर दिन औसत एक लाख क्विंटल से ज्यादा धान की आवक हो रही है, लेकिन इसके अनुरूप धान का उठाव नहीं हो रहा है। इसके चलते केंद्रों में धान जाम होने की स्थिति बन गई है। बता दें कि खरीदी केंद्रों के अधिकतम बफर लिमिट 5 से 10 हजार क्विंटल तक है, लेकिन कई केंद्रों में 20 से 25 हजार क्विंटल तक धान का भंडारण हो चुका है। इसके बाद भी संग्रहण केंद्रों में परिवहन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।