बालोद -अवैध प्लाटिंग एक ऐसी समस्या जो जमीन विक्रेता को तो मामला बना देता है लेकिन इस अवैध प्लाटिंग में अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर एक अच्छे मकान बनाने का सपना देखने वाले निवेशक को जमीन खरीदने के बाद कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते शासन स्तर पर अवैध प्लाटिंग को लेकर सख्त निर्देश भी है । प्रदेश के कई जिलों में अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर भी चले है लेकिन बालोद जिले में न शासन के किसी आदेश का पालन होता है और ना ही किसी नियम का जिसके चलते जिले में अवैध प्लाटिंग का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है और इस अवैध प्लाटिंग में लिप्त कारोबारी भी लोगो की गाढ़ी कमाई को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। लेकिन इस पर नकेल कसने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के कंधो पर है उनकी कार्यशैली भी संदेह के दायरे में है।
दरअसल बालोद जिले का सबसे महंगी जमीन वाला इलाका कहे जाने वाला गंजपारा के महादेव भवन के पीछे पिछले करीब डेढ़ साल से एक बड़े हल्के में अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है मामले को लेकर प्रदेशरुचि ने पूर्व में भी प्रमुखता से खबर प्रकाशित की है। जिसके बाद इस जगह पर पूर्व में नगर पालिका अधिकारी द्वारा अवैध प्लाटिंग का बोर्ड भी चस्पा किया किया था। जिसके बाद कुछ माह तक मामले को ठंडे बस्ते डाल दिया गया लेकिन अवैध प्लाटिंग पर कोई विधिनुसार कानूनी कार्यवाही नही की गई। वही हाल ही जिस जमीन पर विभिन्न खसरा नंबर सहित पालिका प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग का बोर्ड चस्पा किया था हाल ही में उसमे से एक खसरा नंबर… वाली जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई।
बड़ा सवाल यह है कि मामले में क्या बिना किसी अधिकारी के
जानकारी कि नकल जारी हों गई। क्योंकि पूरे मामले को लेकर जब बालोद तहसीलदार आशुतोष शर्मा से खसरा नंबर 621/10 को जारी नकल के संदर्भ में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि उक्त खसरों पर नकल नहीं जारी करने संबंधित पटवारी को कहा गया है और उक्त जमीन का मामला जो रजिस्ट्री के बाद प्रमाणीकरण के लिए आया है उस पर दावा आपत्ति की तिथि में काफी समय है उक्त जमीन पर किसी प्रकार आपत्ति आता है तो प्रमाणीकरण की कार्यवाही पर रोक लगाई जायेगी। वही इसी मामले को लेकर बालोद एसडीएम कि माने तो उन्हें नकल को लेकर कोई जानकारी नहीं है । वही मामले की जानकारी लेकर आगे कार्यवाही बात कहते नजर आए।
बहरहाल अब पूरे मामले को लेकर देखना होगा जिस प्लाट को खुद प्रशासन द्वारा अवैध प्लाटिंग कहा जा रहा था उसी जमीन पर नकल जारी हो जाना निश्चित रूप संदेहास्पद है देखना होगा मामले पर बालोद राजस्व विभाग आगे क्या कार्यवाही करती है।