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ग्राम मेढ़की में 52 लाख रुपये की लागत से बन रही मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य दो साल में भी अधूरा

बालोद।ग्रामीण क्षेत्र के युवाओ के खेलकूद के लिये ग्राम पंचायत ओरमा के आश्रित ग्राम मेढ़की में करीब 52 लाख रुपये की लागत से बन रही मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य दो साल में भी पूरा नही हो सका है। जिससे होनहार युवा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नही कर पा रहे हैं।।उनकी उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। ठेकेदार द्वारा पिछले एक महीने से मिनी स्टेडियम के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए गड्ढे खोदकर छोड़ दिया जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री समग्र व रोजगार गारंटी मनरेगा योजना के तहत जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मेढ़की में 52 लाख रुपये की लागत से मिनी स्टेडियम बनाया जा रहा है। क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा द्वारा लगभग 52 लाख रुपए की स्वीकृति भी दिलवाई है, जिसका भूमिपूजन करने के बाद काम भी शुरू हो गया है। लेकिन कछुआ गति से स्टेडियम का निर्माण कार्य चलने की वजह से ग्रामीण व खेल प्रेमियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बालोद के मेढ़की में निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम निर्माण में ठेकेदार की लापरवाही के चलते कार्य स्थल में सूचना फलक नहीं लगाई गई है। ग्रामीणों द्वारा यही कयास लगाया जा रहा था कि तय समय में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। साथ ही स्टेडियम में प्रैक्टिस कर मानसिक व शारीरिक विकास को निरंतर बनाया जा सके। लेकिन लंबे समय से कार्य अभी भी अधूरा है। जब से मिनी स्टेडियम का निर्माण चालू हुआ है तब से लेकर आज तक ठेकेदार के द्वारा कछुआ गति से कार्य प्रारंभ किया है। वही घटिया मटेरियल का उपयोग कर निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही है। इसके अलावा समय पर पानी की तराई भी नहीं किया जाता है। जिससे निर्माण किए गए कांक्रीट सही तरीके से पक नहीं पा रही है। वहीं निर्माण में घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। सीमेंट, रेत, गिट्टी के अनुपात का भी अता पता नहीं है। इधर स्टेडियम निर्माण में पारदर्शिता लाने के लिए ठेकेदार द्वारा साइन बोर्ड नहीं लगाई गई है। जिसके वजह से लोगों को यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि स्टेडियम निर्माण में कितने की लागत राशि प्राप्त हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए साइन बोर्ड का लगना अनिवार्य होता है। जिसको ठेकेदार द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया है। ठेकेदार को बड़े नेताओं के संरक्षण मिलने के कारण उनका हौसला और भी बढ़ता जा रहा है। यहां जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण ही स्टेडियम निर्माण बंद पड़ा है।स्टेडियम के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए बड़े बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिया है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। । स्टेडियम निर्माण को देखने के लिए सतत निगरानी की आवश्यकता होती है। वहीं संबंधित विभाग के द्वारा निर्माण में अनियमितता पाए जाने के बाद भी सुपर विजन का काम नहीं किया जा रहा है। बहरहाल ठेकेदार के द्वारा काम को बीच बीच में रोक रोक कर किया जा रहा है। लेकिन सही तरीके से काम नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित विभाग से मिलीभगत के वजह से संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा सुपर विजन नहीं किया जा रहा है जो समझ से परे है।

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