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जिले में शिक्षा गुणवत्ता के साथ साथ नौनिहालों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल..कही गिर रहे प्लास्टर तो कही शराबी शिक्षक से लोग परेशान..

डौंडी: (अजय अग्रवाल) जिले सहित ब्लॉक में शराबी शिक्षकों के मामलों के बाद अब जर्जर शाला भवनों के प्लास्टर गिरने के समाचार मिल रहे है।बता दें कि तीन दिन पूर्व ग्राम कोरगुड़ा की शाला में प्लास्टर गिरने से चार छात्रों के घायल होने के बाद अब बुधवार को भारत बंद के दिन डौंडी ब्लॉक के ग्राम भर्रीटोला 36 के उच्चत्तर माध्यमिक स्कूल में बारहवीं कक्षा की छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर नीचे गिर गया। गनीमत रही कि आंदोलन के चलते इस घटना से पांच मिनट पहले ही स्कूल की छुट्टी की गई थी जिसके कारण से बच्चे इसकी चपेट में आने से बच गए।

आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि मुकेश पौसार्य ने कहा कि इस जर्जर भवन की जगह नए भवन के निर्माण हेतु कई बार शासन प्रशासन को गुहार लगाई जा चुकी है, किंतु आज पर्यंत तक हमारे गांव के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे है।

स्कूल के प्रिंसिपल केएल देवांगन ने बताया कि आंदोलन के कारण छुट्टी करवाने आए आंदोलनकारियों के निवेदन पश्चात छुट्टी कर दी गई थी। जिसके कारण बचत हो गई और बच्चे एक बड़ी दुर्घटना से बच गए। गुरुवार को इस घटना के संबंध में प्रतिवेदन बनाकर जिला कार्यालय जाकर अवगत करवाया गया है।

वहीं कई अभिभावकों का कहना है कि वे इस यमराज रूपी जर्जर स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नही भेजेंगे। ग्रामीणों ने जिला के आला अधिकारियों को इन सभी घटनाओं के लिए जिम्मेदार बताया और आक्रोशित स्वर में कहा कि जिले के आला अधिकारियों के बच्चे अगर ऐसे स्कूल में पढ़ते तो स्कूल की ये स्थिति नही रहती लेकिन ऐसे जर्जर स्कूल में हम जैसे गरीबों के बच्चे पढ़ते है इसलिए इसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता है। अपने बच्चों को ये लोग अच्छे शहरों के बड़े स्कूलों में पढ़ाते है और हमारे बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर किया जाता है।

वहीं शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने दबी जुबान से कहा कि कोरगुड़ा में घटी घटना के बाद प्रधानपाठक और संकुल समन्वयक का निलंबन कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले जिले के अधिकारी एक बार फिर से छोटे कर्मचारियों पर पूरा ठीकरा फोड़ निलंबन की गाज गिराकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देंगे।

वहीं इस संबंध में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक से जानकारी लेने हेतु कार्यालय पहुंचने पर उनके द्वारा बिना कुछ सुने देखते ही बोल दिया कि मुझे कलेक्टर सर ने वर्जन देने से मना कर दिया है

वही मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने कहाघ टना के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। बीईओ को भेज स्थिति का पता लगवाता हूं और क्या हो सकता है मैं देखता हूं।

 

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