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बड़ी खबर :- शिक्षा गुणवत्ता को लेकर जिले भर में हुई मेगा बैठक..लेकिन बालोद में बैठक के बीच पंखा गिरने की घटना ने स्कूलों के सुरक्षा और गुणवत्ता की पोल खोल दी

बालोद …एक ओर शासन द्वारा एक नई पहल की शुरुआत हुई जिसको लेकर पालकों में खुशी देखने को मिली तो दूसरी तरफ इस पहल दौरान पालक शिक्षक मेगा बैठक कर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक नई पहल की गई। लेकिन इस बैठक के दौरान छत पर लगे सीलिंग पंखा गिरने से शिक्षा गुणवत्ता की जगह स्कूली भवन की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी । और इस घटना में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई ।

दरअसल पालक शिक्षक मेगा बैठक के तहत मंगलवार को बालोद जिले के करीब 173 संकुल केंद्रों में बैठक आयोजित की गई वही बालोद जिले के कलेक्टर भी जिले के भरदा शासकीय स्कूल के बैठक में शामिल हुए थे इस बीच बालोद जिला मुख्यालय में हुई बैठक में एक बड़ा हादसा टलने का मामला सामने आया है।
बालोद के बुनियादी शासकीय विद्यालय बालोद जहां पर बीईओ और डीईओ कार्यालय भी संचालित होती है यहां स्थित सभागार में मंगलवार को पालक शिक्षक का संकुल स्तरीय मेगा बैठक आयोजित की गई थी । इसी दौरान छत पर लगे सीलिंग पंखा अचानक जमीन पर गिर पड़ा । जहां पर पंखा गिरा उससे बहुत ज्यादा नजदीक में पालक और बच्चे भी बैठे थे । पंखा अचानक जमीन पर गिरने से लोगो में हड़कंप मच गया ।वही घटना के बाद कार्यक्रम के नोडल अधिकारी द्वारा बालोद विद्युत विभाग को सूचना देकर बुलाए लेकिन भवन की हालत देखकर विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने भी प्रशासनिक अधिकारी को जर्जर भवन को सही कराने की सलाह देकर लौट गए।वही घटना के बाद मचे अफरा तफरी के बीच संकुल समिति द्वारा पालकों को शांत कराया गया और सभागार में लगे पंखों को बंद करके बैठक को पूरा किया गया।

इस पूरे मामले को लेकर बालोद जिले के जिला शिक्षा अधिकारी पी सी मरकले से चर्चा पर बताए की मैं उस कार्यक्रम में नही था मैं डौंडीलोहारा ब्लाक के भरदा में आयोजित कार्यक्रम में गया था।वही घटना के जानकारी मिलने पर संकुल समन्वयक और स्कूल प्रबंधक को बुलाकर जानकारी ली गई तथा स्कूल की पूरी रिपोर्ट बनाकर मांगी गई है।

आपको बतादे जिस जगह यह घटना घटित हुई वो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का सभागार है जहां पर आए दिन शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षको का बैठक आयोजित की जाती है लेकिन सभागार के छत को देखने से ही प्रथम दृष्टया जर्जर नजर आती है लेकिन इस जर्जर को सुधारने के लिए आज तक जिले के बड़े अधिकारियो की भी नजर नहीं पड़ी । वही इसी जर्जर छत के नीचे पालकों और शिक्षको की बैठक भी आहूत कर दी गई । लेकिन इस घटना को लेकर शिक्षा विभाग अब भी गंभीर नजर नहीं आ रही है… बैठक शुरू होने के पहले अचानक छत पर लगे पंखे के गिरने के बाद शिक्षा विभाग से सामान्य घटना के रूप में देख रही है और इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा वह भी गंभीर है क्योंकि घटना में किसी प्रकार का कोई हताहत या किसी को चोट नहीं लगने को लेकर शिक्षा विभाग आश्वस्त नजर आ रही है। लेकिन इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है यह तय नहीं किया जा रहा है। आपको बतादे गत वर्ष शिक्षा विभाग द्वारा जिले भर के स्कूलों सहित खुद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है बावजूद इसके आज भी कलेक्टर जनदर्शन में कई गांवों के ग्रामीण जर्जर स्कूल की समस्या लेकर पहुंचते देखे जाते है। लेकिन मामले को शिक्षा विभाग गंभीर नजर नहीं आ रही है।

 

 

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