बालोद। छत्तीसगढ के पहली तिहार हरेली अमावस्या के पावन अवसर पर युवा ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में नवनिर्मित ब्राह्मण समाज के भवन में वृक्षारोपण किया गया। जिसमे नीम, आंवला, शीशम् बेल, खमहर, एवम अन्य पौधे लगाए गये। ब्राह्मण युवा विंग के नगर अध्यक्ष सौरभ बिट्टू दुबे ने कहा अपकि हरेली तिहार छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन त्यौहार है, जिसे लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। ‘हरेली’ शब्द का अर्थ हरियाली से है, और इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य हरियाली और खेती का महत्व उजागर करना है। यह त्यौहार मुख्यतः कृषि प्रधान समाज के लिए समर्पित है, जहां किसान अपने खेतों की अच्छी फसल और समृद्धि की कामना करते हैं। ग्रामीणों व किसानों ने खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की। इस अवसर पर आदित्य दुबे युवा विंग ब्राह्मण समाज ब्लॉक अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखने में हरेली तिहार का महत्वपूर्ण योगदान है। यह त्यौहार न केवल कृषि और हरियाली का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। इसके माध्यम से लोग अपने पूर्वजों की धरोहर और परंपराओं को संजोए रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी इससे अवगत कराते हैं। इस प्रकार, हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसे बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष अटल दुबे,, मार्गदर्शक देवेंद्र मिश्रा, हरीश दुबे, उपाध्यक्ष गौरव शुक्ला, वैभव शर्मा, राजा दुबे, खिलेन्द्र मिश्रा, नितीन दुबे, जयकांत दुबे, प्रदीप पांडे, अजय शर्मा, सभी विप्र जन शामिल थे।