बालोद….5 मई को neet UG की परीक्षा बालोद जिला मुख्यालय में आयोजित किया गया था लेकिन उसमे गड़बड़ी का मामला सामने आया था और यह मामला सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुंज जिसके बाद … सुप्रीम कोर्ट में मामले को गंभीरता से लेते हुए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए …… सुप्रीमकोर्ट की दखल के बाद आखिरकार नीट परीक्षा रविवार को एक बार पुनः कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में संपन्न की गई। नीट परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत के बाद छात्रों और उनके पालको को जब सरकार से राहत नही मिली तो पालको ने कोर्ट का रास्ता चुना। जहा सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए जो निर्णय लिया उस वजह से छत्तीसगढ़ के 2 जिले जिसमे बालोद जिला भी शामिल रहा और देशभर में 6 परीक्षा केंद्रों में फिर से नीट की परीक्षा हुई। इस बार बालोद जिला मुख्यालय को परीक्षा केन्द्र न बना कर दल्लीराजहरा के डीएवी स्कूल में परीक्षा केन्द्र बनाया गया। परीक्षा में 185 छात्रों को बैठना था, मगर सिर्फ 115 ही छात्रों ने परीक्षा दिलाई, 70 बच्चे अनुपस्तिथ रहें। इस बार की परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए सिटी कोर्डिनेटर भी बाहर से आये थें.. तो परीक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन और एनटीए के सिक्युरिटी टीम तैनात रही… परीक्षा का समय दोपहर 2 बजे से 5 बजकर 20 मिनट तक रहा वही परीक्षा दिला कर बाहर निकलने वाले क्षेत्रों के चहरे खिले हुए दिखे और उन्होंने कहा की इस बार हमारा परीक्षा बहुत ही अच्छा गया क्युकी हमे पूरा समय मिला और हमे 10 दिनों का समय जिससे हमे रिवीजन करने का पूरा समय मिल पाया।.
सरी तरफ इस नीट परीक्षा के दौरान क्षेत्र के विधायक व पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया परीक्षा केंद्र के पास पहुंचे और इस नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए बोले कि एम, सीएम समेत शिक्षा मंत्री का नीट में हुई भारी गड़बड़ी पर बयान नही आई इन्हे नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए मंत्री ने कहा .केंद्र और राज्य के मंत्री आखिर क्यों नहीं बोल रहे हैं नीट परीक्षा पर….. बच्चों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है…. बता दे कि 5 मई को हुए नीट एग्जाम में गड़बड़ी के बाद आज पुनः जारी है री एग्जाम….. जिसमें 185 परीक्षार्थी होने थे शामिल लेकिन 115 बच्चे ही हुए शामिल और 70 बच्चे नही हुए शामिल.।