बालोद,बालोद जिले में जहां तेज धूप और गर्मी का दौर जारी है, वहीं नगर सहित ग्रामीण अंचलों में अघोषित विद्युत कटौती से लोगों का जीना दूभर हो गया है। सुबह से ही बिजली की आंख मिचौली शुरु हो जाती है। जो दिन भर चलती रहती है. रात के समय में भी बिजली की कटौती से नागरिकों की नींद हराम हो रही है।अघोषित बिजली कटौती से बालोद नगर सहित ग्रामीण अंचल के लोग परेशान हैं।
भीषण गर्मी के बीच इन दिनों स्थानीय विद्युत कंपनी की मनमानी व उदासीनता से परेशान हैं लोग
कंपनी द्वारा भी विद्युत आपूर्ति में बाधा की सूचना भी उपभोक्ताओं को नहीं दी जा रही है। इसके चलते लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि विभाग आखिर बिजली कब और क्यों बंद की जा रही है। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग भीषण गर्मी के बीच इन दिनों स्थानीय विद्युत कंपनी की मनमानी व उदासीनता से परेशान हैं। आंधी-तूफान के पूर्व हवा चलने में ही बिजली घंटों गुल कर दी जा रही है। वहीं, कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी बिना सूचना के घंटों बिजली आपूर्ति बंद कर देते हैं, तो कभी हवा की आहट पर ही सिस्टम में खराबी बताकर आपूर्ति ठप कर देते हैं, इससे आम लोगों को गर्मी व पसीने से तरबतर होकर रहना पड़ता है। इन सबमें सबसे ज्यादा लोगों को रात व दोपहर में विद्युत सेवा प्रभावित होने से काफी परेशानी होती है, क्योंकि तपती गर्मी में बिजली की आंख मिचौली से इलेक्ट्रानिक उपकरण नहीं चल पाते तो कभी कई उपकरण खराब हो जाते है। इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बिजली बंद होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जागरूकता के अभाव में लोग बिजली बंद होने कारण की जानकारी नहीं दे पाते और अगले दिन का इंतजार करते हैं, जबकि नगरीय क्षेत्र के लोग तुरंत कार्यालय से संपर्क कर प्रभावित विद्युत सेवा की जानकारी दे देते हैं, इससे स्थानीय होने के चलते तत्काल मरम्मत भी हो जाती है, वहीं ग्रामीण स्तर में इस कार्य के लिए दिनभर या कई दिनों तक का समय लग जाता है, जिससे ग्रामीणों को गर्मी में काफी कष्ट झेलना पड़ता है। बताया जा रहा है कि विद्युत फाल्ट की जानकारी देने के फोन से संपर्क करने पर काल समय पर उठाया भी नहीं जाता है। अगर उठा लिया जाए तो शिकायत दर्ज की जाती है पर कर्मचारियों द्वारा काफी समय बाद मरम्मत की जाती है।
बिना मौसम खराबी की जा रही बार-बार कटौती
आम उपभोक्ताओं का कहना है कि कुछ मौकों पर तेज हवाएं चलने और बूंदाबांदी होने पर सुरक्षात्मक दृष्टि से बिजली सप्लाई को बंद किया जाना तो समझ में आता है लेकिन मौसम की खराबी हुए बिना बिजली कंपनी द्वारा आए दिन बार-बार बिजली सप्लाई को बंद कर नगरवासियों व ग्रामीणों को परेशान किया जाना समझ से परे है। ऐसा लगता है कि बिजली कंपनी द्वारा जानबूझकर अघोषित रूप से बिजली की कटौती की जा रही है जो लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रहा है।
कटौती के कारण गर्मी और उमस से हो रहे परेशान
बिजली कटौती के संबंध में जब पूछा जाता है तो विद्युत अधिकारी अथवा कर्मचारी अपनी आदत के अनुसार कोई न कोई फाल्ट जैसे लोड शेडिंग, इंश्यूलेटर खराबी, ट्रांसफार्मर में फ्यूज उडऩा, कहीं पर तार में पेड़ के डंगाल का गिर जाना आदि बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं और कुछ देर बाद बिजली आने का भरोसा देते हैं। जब बिजली वापस आ जाती है तो कुछ घंटे के अंतराल में फिर से गुल हो जाती है। जब फाल्ट को सुधारकर बिजली सप्लाई कर दी जाती है तो उसी लाइन में फिर से फाल्ट कैसे आ जाता है वह भी रोजाना कुछ घंटे के अंतराल में फाल्ट का आना जानबूझकर बिजली कटौती करने के संदेह को जन्म देता है। बार-बार बिजली बंद करते हुए बिजली कंपनी द्वारा अधोधित बिजली कटौती कर दी जाती है जिससे उमस भरी गर्मी के इन दिनों मेें लोगों को अनेक बार पंखे के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।