बालोद। बेजुबानों की सेवा भी एक पुण्य का कार्य होता है। ऐसे में बालोद शहर की अभिप्रेरणा ग्रुप की महिलाएं इस काम में पीछे नहीं है। वह गर्मी को देखते हुए खासतौर से पक्षियों के लिए दाना पानी का इंतजाम करने में जुटी हुई हैं। अपने घर से शुरुआत करने के अलावा वह अपने आसपास के सभी इलाकों में सकोरे की व्यवस्था कर रही है। लोगों को घर-घर जाकर सकोरे बांटे जा रहे हैं। जिसमें दाना और पानी रखा जा सके। “पहले दिन हम, अगले दिन से आप” यह पहल जारी रखें, इसलिये जब सकोरा देते है तो चावल और पानी भर के देते हैं,इस उद्देश्य और संदेश के साथ अभिप्रेरणा ग्रुप की महिलाएं यह काम कर रही हैं। खास बात यह है कि इस काम में सकोरे की व्यवस्था नवरात्रि में खाली हुए ज्योति कलश से की जा रही है। अक्सर देखा जाता है कि मंदिरों में ज्योति कलश विसर्जन के बाद कटोरी नुमा पात्र खाली रखे रहते हैं। ऐसे में उन्हें नवाचार करते हुए उनका सही इस्तेमाल पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए किया जा रहा है। साथ ही बाजार से नया सकोरा भी लिया जाता हैं, इस अभियान से बालोद ही नहीं बल्कि दूसरे जिले के लोग भी जुड़ने लगे हैं और इसकी सराहना की जा रही है। सकोरा बांटकर लोग सुकून महसूस कर रहें। महिलाओं ने बताया प्रतिदिन बालकनी और आंगन में पानी का सकोरा रख रहे है। उसमें पक्षी आकर पानी पीते हैं। इस छोटी सी कोशिश से भीषण गर्मी में पक्षियों की प्यास बुझाई जा सकती है। हमें मिलकर इसी तरह बेजुबान पक्षियों की पानी के लिए मदद करनी होगी,,और जब किसी के घर जाते है तो किन्ही किन्ही घर वालो से दुवाये भी मिलती है जो और सुकून प्रदान करता हैं |
*अभिप्रेरणा ग्रुप द्वारा किया जा रहा है अनूठा*
अभिप्रेरणा गुप की कादम्बिनी यादव ने कहा कि भीषण गर्मी में मनुष्यों के पास बहुत से साधन हैं, जिससे वे पानी ले सकते हैं, लेकिन बेजुबान पक्षियों की पानी के लिए हमें मदद करनी होगी। इस पहल से जुड़ने वाले लोगों का कहना है अभिप्रेरणा ग्रुप ने इस अभियान के साथ हमें जोड़ा है, जो हमारे लिए गर्व की बात की है। पक्षी विलुप्तता की कगार पर हैं। पर्यावरण में मानव के साथ ही पशु-पक्षियों का भी महत्व है। आज बहुत सारे पक्षी विलुप्तता की कगार पर हैं। यह बात देखने में आती है कि पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होती है। अभिप्रेरणा ग्रुप द्वारा पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कर अनूठा कार्य किया जा रहा है। भावी पीढ़ी को भी इस तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए प्रेरित करना होगा। महिलाओ ने कहा की इस तरह के सेवा कार्य से शहर के हर व्यक्ति को जुड़ना चाहिए। हर मौसम में पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। महिलाओं ने बताया अभियान के पीछे हमारा उद्देश्य पक्षियों का संरक्षण करना है।
*ऐसे शुरू हुई चिड़ियों के लिए दाना पानी प्रबंधन अभियान*
अभिप्रेरणा गुप की महिलाओं द्वारा अपने घर के साथ साथ दुसरो के घरों में भी चिड़िया के लिए दान पानी पात्र रखने का मुहिम चलाया जा रहा। बालोद के अलग अलग क्षेत्र में घर घर जा कर चिड़ियों के लिए दाना और पानी रखने सकोरा वितरण किया जा रहा है। साथ में प्रेरित भी कर रहे , इसके लिए पानी के लिए बड़ा एवं दाने के लिए छोटे सकोरा का वितरण पानी और चावल डाल के किया गया।”पहने दिन हमारा अन्य दिन आप का” का सन्देश दिया गया और सभी से रोज घर पर रखने हेतु अपील भी किया गया। नवरात्रि में उपयोग किये सकोरो को एकत्र कर उसे साफ कर उसका उपयोग किया गया है। मंदिर में ज्योति विसर्जन के बाद उसका उपयोग नही रहता।
खाली ही रख दिया जाता है।,उसका उपयोग हो जाये यही सोच के साथ उसे उपयोग में लाया गया। गुप की महिलाओं के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भी सन्देश और अपील किया जा रहा है। जिससे छत्तीसगढ़ के अलग अलग क्षेत्र से भी लोग इस मुहिम में जुड़ते जा रहे हैं। समूह की महिलाओं ने सभी से निवेदन किया है कि जो भी ये नेक काम कर रहे वो अपना नाम और स्थान का नाम लिख कर हमें फोटो अवश्य शेयर करें। और यदि किन्ही को सकोरा चाहिए तो भी उन्हों ने अपने से ले लेने की अपील की है बहुत लोग इसमे जुड़ते नज़र आ रहे हैं। अभिप्रेरणा गुप की कादम्बिनी यादव, गायत्री साहू, तुलसी डोंगरे, नीलम रावटे, राजेश्वरी तिवारी, विनोदिनी यादव,अर्चना ताम्रकार, सुमन साहू ,शिव श्रीवास्तव ,टोमिन साहू आदि सदस्य इस मुहिम में सक्रिय सहभगिता दे रहे तथा सभी से इस मुहिम में जुड़ने निवेदन भी किया है। यह अभिप्रेरणा गुप साल में एक से दो ऐसे ही अलग अलग मुहिम चलाते आ रहे हैं, इसके लिए बधाई के पात्र हैं।