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लोकसभा आम निर्वाचन 2024 :- जिले में आचार संहिता प्रभावशील होने के बाद सम्पत्ति विरूपण की कार्रवाई शुरू… लोकसभा चुनाव के दौरान सम्पत्ति विरूपण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी


बालोद, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देशानुसार लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के अंतर्गत आज 16 मार्च से आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के तत्काल बाद बालोद जिले में प्रशासनिक अमले के द्वारा सम्पत्ति विरूपण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा आज लोकसभा आम निर्वाचन तिथि की घोषणा करने के पश्चात् जिले के शहरी एवं ग्रामीणों सहित सभी क्षेत्रों में सम्पत्ति विरूपण के अंतर्गत शासकीय बैनर-पोस्टर आदि को हटाने की कार्रवाई की गई। इसके अंतर्गत आज नगर पंचायत डौण्डी, डौण्डीलोहारा, चिखलाकसा सहित जिले के अलग-अलग स्थानों मंे सम्पत्ति विरूपण की कार्रवाई की जा रही हैै।

लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान सम्पत्ति विरूपण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने छ.ग. संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 की धारा-5 के अंतर्गत लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान संपत्ति विरूपण के तहत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके अंतर्गत लोकसभा निर्वाचन 2024 के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय/अशासकीय/भवनों पर नारे लिखे जाते हैं, बनैर लगाये जाते हैं, पोस्टर चिपकाये जातें हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्बों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झण्डियों लगाई जाती है। जिसके कारण शासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबंध में शासन द्वारा छ.ग. संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 पारित किया गया है।

 

इस अधिनियम की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा। वह जुर्माने से जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। छ.ग. सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया जाता है कि चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय या अशासकीय भवनों की दिवालों पर किसी भी प्रकार की नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खम्बों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झण्डियों लागाई जाती है अथवा ऐसे पोस्टर एवं बैनर लगाकर शासकीय संम्पत्तियों को विकृत किया जाता है तो ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए अनुभाग एवं तहसील स्तर पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से लगाये जाए। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग/स्थानीय निकाय के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेंगे। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी के सीधे देख-रेख में कार्य करेगा। इस दस्ते को सहयोग देने के लिए स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए एक सहायक उपनिरीक्षक पुलिस, मुख्यालय पटवारी एवं स्थानीय निकाय के कर्मचारी की ड्यूटी लगायी जाए। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे गेरू, चूना, कूची, बॉस एवं सीढ़ी आदि उपलब्ध कराई जाए।

 

यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे। अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी लोक सम्पत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एवं पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जांच कर तथ्य सही पाये जाने पर लोक सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे। अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचान कार्यालय में भेजना आवश्यक है।

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