बालोद।बालोद शहर में स्थित दूध गंगा के संचालक मंडल द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी कर नए नियम के तहत बालोद शहर के बाहर दूध दिये जाने पर दूध गंगा में दूध खरीदी नहीं करने का आदेश जारी किया गया है जिसका पशु पालक के सदस्यों ने विरोध किया है। वही पशुपालको ने संचालक मंडल द्वारा पशुपालकों को डराने एवं भय का महौल बनाने का आरोप लगाया है। दूध गंगा के संचालक मंडल द्वारा लाए गए आदेश का विरोध करते हुए पशु पालकों के सदस्यों ने गुरुवार को क्लेक्ट्रोट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गौपालको को दूध विक्रय हेतु समस्या का समाधान करने की मांग किया है।
पशु पालक के सदस्यों ने बताया कि सभी पशुपालक दूध गंगा के संचालक मंडल द्वारा लिए गये नियम से असहमत है जो कि 27 फरवरी को अवगत कराया गया है। उक्त नियम यह है कि दूध गंगा में दूध बिक्री करने वाले पशुपालक सदस्यो द्वारा किसी अन्य संस्था में या होटल में दूध बिक्री करते पाये जाने पर उक्त पशुपालक से दूध खरीदी नहीं किया जाएगा। दूध गंगा वास्तव में पशुपालक किसानों के हित के लिए बनाया गया है न कि दूध गंगा के हित के लिए सभी पशुपालक किसानों द्वारा आम जनता, होटलों को देने के पश्चात बचत दूध को दूध गंगा में दिया जाता रहा है, जिसे दूध गंगा के अध्यक्ष द्वारा बाहर दूर दिये जाने पर दूध गंगा में दूध खरीदी नहीं करने का आदेश जारी किया गया है जिससे हम सभी पशुपालक व्यथित है एवं हम सभी पशुपालकों को डराने एवं भय का महौल बनाया जा रहा है।ज्ञापन सौंपने के दौरान मोमेश,सत्यवान यदु,नरेंद्र यादव,सुभाष यादव,सुधाकर यादव,हिराबती यादव,परमानंद ,मिथलेश,मदनलाल,विजय साहू सहित बड़ी सख्या में पशु पालक के सदस्य शामिल रहे।