बालोद। जिले में समर्थन मूल्य में किसानों से की गई धान खरीदी के 22 दिनों के बाद भी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ है। केंद्रों में 15 लाख 9 हजार 951 क्विंटल धान जाम है। जिसके कारण बेमौसम वर्षा होने से धान के खराब होने के साथ ही धान में सूखत, चूहा , दीमक और बेमौसम बरसात से नुकसान होने की आशंका है। जानकारी के अनुसार जिले में शासन द्वारा 143 उपार्जन
केंद्रों के माध्यम से 1 लाख 49 हजार 161 किसानों से कुल 74 लाख 87 हजार 146.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। वहीं धान खरीदी समाप्त होने के 22 दिनों बाद भी धान का उठाव का कार्य धीमी गति से चल रहा है। इस कारण उपार्जन केंद्रों में धान जाम पड़ा हुआ है।जिले में समर्थन मूल्य पर एक नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई थी। मगर इस बार धान का परिवहन शुरूआत में ही धीमी होने के कारण केंद्रों में धान जाम होने लगा था। वहीं जब धान खरीदी बंद हुए 22 दिन बीत चुके है लेकिन धान उपार्जन केन्द्रों में 15 लाख 9 हजार 951 किवंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जिससे समिति के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जिले में शासन द्वारा 143 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 1 लाख 49 हजार 161 किसानों से कुल 74 लाख 87 हजार 146.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी।जिसमें से 59 लाख 77 हजार 195 क्विंटल धान का ही उठाव हुआ है। जबकि केंद्रों में 15 लाख 9 हजार 951 क्विंटल धान उठाव के लिए शेष है। धान उठाव करने के लिए जिले के मिलर्स ने पंजीयन कराया मगर केंद्रों में जिस हिसाब से खरीदी हुई उस हिसाब से उठाव नहीं हुआ है।जिलेभर की 122 सेवा सहकारी समितियों के 143 धान खरीदी केन्द्रों में अभी भी 15 लाख 9 हजार 951 क्विंटल धान परिवहन के लिए शेष बचा हुआ है। वहीं बेमौसम बारिश ने अब किसानों के साथ अधिकारियों की भी चिंता बढ़ा दी है। धान खरीदी के हिसाब से देखा जाए तो बीते साल की तुलना में इस साल धान का परिवहन काफी धीमा है। पूरे जिले में 79.83 प्रतिशत ही धान का परिवहन हुआ है पर धान परिवहन कब तेज होगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।