बालोद।जिले के डोडीलोहारा ब्लाक ग्राम खपरी मालीधोरी का किसान चिमन पटेल बीते सात वर्षो से आरआई, पटवारी, राजस्व अधिकारियों का चक्कर लगा-लगाकर परेशान है। ग्राम खपरी मालीघोरी निवासी चिमनलाल पटेल ने जिला जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर राजस्व विभाग की गलती को सुधार कर अपनी जमीन अपने नाम दर्ज करवाने की मांग की है। चिमनलाल पटेल ने राजस्व विभाग द्वारा शीघ्र ही त्रुटि नहीं सुधारने पर जिला कार्यालय के सामने परिवार सहित धरना प्रदर्शन, अनशन पर बैठने की चेतावनी शासन प्रशासन को दिया है।
राजस्व अधिकारी कर्मचारियों द्वारा की गई गलती का खामियाजा भुगत रहे किसान
राजस्व सर्वेक्षण व बंदोबस्त के दौरान विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा की गई गलती का खामियाजा आज भी अनेक किसानों को आज भी भोगना पड़ रहा है। जमीन से जुड़े संपूर्ण दस्तावेज होने के पश्चात् भी कृषकों को शासकीय रिकॉर्ड में अपनी भूमि अपने नाम पर दर्ज कराने के लिए विगत् कई वर्षों से राजस्व विभाग का चक्कर काटना पड़ रहा है। शासकीय त्रुटि सुधारने की मांग करते करते घर के बड़े बुजुर्ग काल कलवित हो गए लेकिन राजस्व विभाग अब भी अपने ढर्रे पर ही चल रहा है। विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण अब उनके बच्चों को भी जमीन अपने नाम कराने में पापड़ बेलना पड़ रहा है।
विगत् सात वर्षों से त्रुटि सुधारने की मांग करते-करते त्रस्त हो गए किसान
अपने पिता के स्वर्गवास होने के पश्चात् विगत् सात वर्षों से त्रुटि सुधारने की मांग करते-करते त्रस्त हो चुके ग्राम खपरी मालीघोरी निवासी चिमनलाल पटेल ने जिला जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर राजस्व विभाग की गलती को सुधार कर अपनी जमीन अपने नाम दर्ज करवाने की मांग की है। चिमनलाल पटेल ने राजस्व विभाग द्वारा शीघ्र ही त्रुटि नहीं सुधारने पर जिला कार्यालय के सामने परिवार सहित धरना प्रदर्शन, अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
राजस्व विभाग बंदोबस्त के गलती से चिमन पटेल की 32 डिसीमिल भूमि अज्ञात किसान के रकबा व खसरा में हो गया है शामिल
चिमन पटेल ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि ग्राम खपरी स्थित शामिलात खाते में भूमि पुराना खसरा नंबर 383/3 रकबा 0.194 हेक्टेयर दर्ज है जिसका रजिस्ट्री बैनामा (संपूर्ण कागजात) उसके पास मौजूद है। राजस्व विभाग बंदोबस्त के द्वारा गलती से उक्त खसरा नंबर व रकबा के स्थान पर नया खसरा नंबर 316 व रकबा 0.07 हेक्टेयर दर्ज कर दिया गया है जिसके चलते उनका 32 डिसीमिल भूमि अज्ञात किसान के रकबा व खसरा में शामिल हो गया है। पटेल ने बताया कि पटवारी के माध्यम से बंदोबस्त में हुई गलती की जानकारी होने के पश्चात् पिता का देहांत हो गया। पटेल ने बताया कि पिता के जाने के पश्चात् वह वर्ष 2018 से बंदोबस्त में हुई गलती को सुधार कर भूमि अपने नाम दर्ज करवाने राजस्व विभाग का चक्कर काट रहा है लेकिन सात वर्ष होने के पश्चात् भी बंदोबस्त में हुई त्रुटि सुधराने का नाम नहीं ले रहा है।राजस्व विभाग की कार्यशैली से त्रस्त पटेल ने शाासन प्रशासन से शीघ्र ही त्रुटि सुधारने अन्यथा कलेक्टोरेट परिसर में ही परिवार सहित धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि बंदोबस्त में हुई गलती का खामियाजा आज भी सैकड़ों किसानों को भोगना पड़ रहा है। राजस्व विभाग की कार्यशैली के चलते कृषकों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश की भावना पनप रही है।