बालोद -बालोद नगरपालिका में पिछले एक सप्ताह पूर्व पालिका के एक अधिकारी के खिलाफ पालिका के ही महिला कर्मचारी से बदसुलूकी और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया था मामले को लेकर पालिका में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों की बैठक भी हुई लेकिन मामला शांत हो गया जिसके बाद शहर के गलियारों में चर्चा जोर पकड़ने लगी आखिर उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं हुई
मामले पर प्रदेशरूचि ने भी तफ्तीश की जिसके बाद जो मामला सामने आया वो कुछ हतप्रद करने वाला था मामले में प्रदेशरुचि संपादक ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी से भी पूर्व में 9 फरवरी को चर्चा की थी अधिकारी ने बताया था कि उनके पास इस मामले की मौखिक जानकारी मिली है लेकिन अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिला आगे यदि किसी भी प्रकार से लिखित शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी।
वही मामले पर बालोद नगरपालिका उपाध्यक्ष भी काफी नाराज दिखे और मामले पर नगरपालिका उपाध्यक्ष ने बताया कि सबंधित अधिकारी के खिलाफ पहले भी कई शिकायते मिली है लेकिन मामले पर कोई सामने नहीं आते इस बार भी पालिका के महिला कर्मचारी के साथ अधिकारी द्वारा बदसूलकी और ब्लैकमेलिंग का मामला जानकारी में आया है मामले में पालिका में उनकी बैठक भी हुई वही पीड़िता ने अब तक इस मामले में लिखित शिकायत नहीं की है यदि पीड़िता मामले की लिखित शिकायत करती है तो निश्चित रूप से उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
भाजपा पार्षद भी मौन
बालोद नगरपालिका में हुए इस मामले को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया देखने को नही मिला एक तरफ मामले में जहां कांग्रेसी पार्षद और उपाध्यक्ष लगातार सक्रिय नजर आए दूसरी तरफ भाजपा के पार्षद इस मामले पर शांत नजर आए।
क्या है मामला
आपको बतादे बालोद नगर पालिका में पदस्थ महिला कर्मचारी और अधिकारी जोकि निर्माण विभाग में पदस्थ है दोनो ही कार्यालयीन दिनो में दुर्ग से ट्रेन में आते तथा इसी ट्रेन में अन्य कर्मचारी भी आते है इसी दौरान महिला कर्मचारी और बालोद कलेक्ट्रेट में पदस्थ एक पुरुष कर्मचारी एक सीट पर ही बैठकर सफर करते हुए आपस में कुछ चर्चा कर रहे थे इसी दौरान पालिका में पदस्थ अधिकारी महिला कर्मचारी और युवक का बातचीत करते हुए अपने मोबाइल पर फोटो खींच लिए और फोटो को महिला कर्मचारी के पति को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग करता रहा इसी बीच अधिकारी द्वारा पालिका में कार्यालय के भीतर इसी बात को लेकर महिला कर्मचारी से बदसुलूकी कर दिया जिसके बाद महिला कर्मचारी ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपने अधिकारियों को मौखिक रूप से दिए जिसके बाद यह बात पुरे पालिका में आग की तरह फैल गई । और मामले अलग अलग बैठकों का दौर चलता रहा लेकिन पीड़िता द्वारा अपने बदनामी के डर से मामले में आज तक कोई लिखित शिकायत नहीं किए जाने के चलते अपने अधीनस्थ महिला कर्मचारियों पर बुरी नियत रखने वाला अधिकारी अब इस मामले से साफ बच निकलते नजर आ रहे है।
लेकिन बड़ा सवाल मामले पर अगर लिखित शिकायत नहीं होती है तो क्या ऐसे अधिकारी को फिर से खुली छूट दे दिया जाएगा। क्या मामले में पालिका के अधिकारी कर्मचारी के अलावा पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि ऐसे अधिकारी के साथ रहकर काम करना पसंद करेंगे…..?
बहरहाल मामला जनहित तथा किसी नारी की अस्मिता से जुड़ा होने के कारण ऐसे खबर को प्रदेशरुचि ने प्रकाशित किया लेकिन मामले में लिखित शिकायत नहीं होने के कारण ऐसे अधिकारी का नाम उल्लेखित किया जाना संभव नहीं था।किंतु प्रकाशित खबर नगर पालिका के जिम्मेदारों से चर्चा सूत्रों से मिली जानकारी के उपरांत प्रकाशित किया गया है।