बालोद/रायपुर- उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में सड़कों पर पशुओं के विचरण से होने वाले नुकसान को रोकने स्थाई हल निकालने के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता मे 24 जुलाई को मंत्रालय महानदी भवन में अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने सड़कों पर पशुओं के विचरण को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों से गहन विचार-विमर्श किया और इस संबंध में अधिकारियों को शीघ्र ही समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। मुख्य सचिव ने लोक निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और स्थानीय निकायों के अधिकारियों को अपनी-अपनी सड़कों पर पिछले वर्षों में पशुओं के विचरण से हुई दुर्घटनाओं की जानकारी संधारित कर ऐसे दुर्घटना जन्य स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।
दूसरी तरफ बालोद जिला मुख्यालय में लंबे समय से सड़को पर मवेशियों के विचरण की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल रहा है। शासन के द्वारा चलाए जा रहे रोका-छेका अभियान के अलावा उच्चन्यायालय के आदेश का भी कही कोई पालन होते दिखाई नही दे रहा है ।जिसके चलते न सिर्फ बालोद जिला मुख्यालय बल्कि जिलेभर के अलग अलग मुख्य सड़क मार्गो में पशुओ का जमावड़ा साफ तौर पर देखा जा सकता है । जिससे सड़को पर बैठे मवेसी दुर्घटना के शिकार हो रहे है तो वही सड़क मार्ग से गुजरने वाले आम लोग भी रात को सड़क पर बैठे पशुओं से टकराकर गंभीर रुप से घायल हो रहे है।
बालोद जिले में शासन के निर्देशो का पालन महज कागजो में या सिर्फ दिखावे तक ही सीमित नजर आ रहा है।आपको बतादे बालोद जिला मुख्यालय के गंजपारा में बुधवार की रात एक अज्ञात ट्रक ने चार मवेशियों को रौंद दिया जिसमें दो मवेशियों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। वही दो मवेशी धायल हो गई। गौरक्षा अभियान समूह की टीम मौके पर पहुचकर गंभीर रूप से धायल मवेशियों को उचित इलाज के लिए गौ शाला ले जाया गया। वही गौरक्षा अभियान समूह के सदस्यों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए गंजपारा में मुख्य सड़क में बैठकर चक्काजाम कर दिया। सदस्यों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।चक्काजाम करने से सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतारें लग गई।धटने के एक धंटे बाद पुलिस की टीम पहुचकर गौरक्षा अभियान समूह के सदस्यों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन गौवंशो ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग पर अड़े रहे। अज्ञात वाहन के खिलाफ कामधेनु सेना के राज्य प्रभारी अजय यादव , जिला प्रभारी नरेंद्र जोशी ने अज्ञात वाहन के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया गया।
मवेशियों की दर्दनाक मौत देखकर हर कोई सिस्टम को कोसता नजर आया।लोगो ने सवाल उठाए की कांजी हाउस ,गौठान,रोका छेका अभियान जैसी योजनाओं में बडी राशि खर्च करने के बाद भी मवेशी गली मुहल्ले व मुख्यमार्ग पर आसानी से बैठे व धूमते दिखाई देते हैं।मवेशियों के संरक्षण की बात खोखली साबित हो रही है।सड़क दुर्धटना में मवेशियों की मृत्यु में लगातार इजाफा हो रहा है।
मामले पर अजय यादव व नरेंद्र जोशी ने कहा कि जिले में अज्ञात वाहन चालकों की तेज रफ्तार व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से मवेशियों की लगातार मौते हो रही हैं।जिले मैं गौ पालक द्वारा मवेशियों को छोड़ रहे दूध देने के बाद रोड़ में छोड़ देते हैं जिसके कारण आए दिन सड़क दुर्घटना में मवेशियों की मौत हो रही हैं। सड़क में मवेशियों झुंड होने से राहगीर भी दुर्धटना का शिकार हो रहे है। जिसके बाद भी जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की ओर से अब तक ठोस कदम नही उठाया गया हैं। बालोद जिला मुख्यालय में अज्ञात लोगो द्वारा मवेशियों पर तेजाब डाला जा रहा है।जिससे मवेशियों के शरीर जल गया हैं। गौरक्षा अभियान समूह के सदस्यों ने एसपी जितेंद सिह यादव को ज्ञापन सौपकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किया गया था लेकिन अब तक एसपी द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही हैं।
खटाई में पड़ा अभियान
प्रदेश में रोका-छेका अभियान कहीं धीमा तो कहीं ठप है। राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि की परंपरा रोका-छेका अभियान की शुरुआत 21 जून 2020 को किया गया था। इस वर्ष भी एक जुलाई को प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के गोठान में रोका-छेका कार्यक्रम आयोजन किया गया था। शहरों की सड़कों पर घूम रहे मवेशियों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी यह कदम अहम माना गया, पकड़े गए मवेशियों को कांजीहाउस और गोठानों में रखने के आदेश दिए गए है. लेकिन ज्यादातर जगहों पर तस्वीर इसके विपरीत नजर आ रही है।