बालोद- रेल्वे रैक पाईंट एवं यात्री पैसेंजर के परिचालन से प्रतिवर्ष रेल प्रशासन को करोड़ों, अरबों रूपयों की राजस्व आय प्राप्त होने के पश्चात् भी जिला मुख्यालय स्थित रेल्वे स्टेशन में आज भी यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। नगर के व्यापारी संगठन एवं अन्य समाजसेवी संगठनों के द्वारा क्षेत्र के सांसद एवं समय-समय पर स्टेशनों के निरीक्षण में आने वाले रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष यात्रियों की सुविधा विस्तार में विशेष ध्यान देने की मांग के पश्चात् भी यात्रियों को अपेक्षित सुविधा नसीब नहीं हो रही है। इसके विपरीत यात्री ट्रेन निर्धारित समय में चलने की बजाए विगत् कुछ माह से घंटों पीछे चलने से यात्रियों को और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अंतागढ़ से रायपुर चलने वाली डेमो ट्रेन में प्रतिदिन यात्रियों की भारी भीड़ रहती हैं। ट्रेन के प्रत्येक बोगी में इतनी भीड़ रहती हैं कि लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही है।
रेल्वे स्टेशन में सुविधाए उपलब्ध कराने रेल्वे प्रशासन नही दे रही ध्यान
बता दे कि यात्री ट्रेन में सफर करना सुरक्षित, सस्ता तथा समय की बचत होने के कारण दिन प्रतिदिन यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसे देखते हुए वर्तमान में संचालित यात्री ट्रेन के साथ ही बालोद जिला को दुर्ग तथा रायपुर से जोड़ने वाली एक अतिरिक्त यात्री ट्रेन परिचालन की मांग विगत् लंबे समय से जिलावासियों द्वारा केन्द्र सरकार तथा रेल्वे प्रशासन से की जा रही है लेकिन इस दिशा में अब तक कोई सार्थक पहल नहीं हो पाया है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेल्वे स्टेशन में अतिरिक्त शेड निर्माण, प्रसाधन कक्ष, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था तथा प्रमुख रूप से स्टेशन परिसर में दोपहिया, चारपहिया वाहन पार्किंग स्थल की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग भी काफी पुरानी होती जा रही है, इस पर भी रेल्वे प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है और न ही क्षेत्र के जन प्रतिनिधि उच्च स्तर पर उपरोक्त समस्याओं को रख पा रहे हैं।
अंतागढ़ से रायपुर चलने वाली डेमो ट्रेन में प्रतिदिन यात्रियों की रहती हैं भारी भीड़
अंतागढ़ से रायपुर चलने वाली डेमो ट्रेन में प्रतिदिन यात्रियों की भारी भीड़ रहती हैं। ट्रेन के प्रत्येक बोगी में इतनी भीड़ रहती हैं कि लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही है। बावजूद इसके रेल प्रशासन ने इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की है। ऐसे में आम नागरिकों ने ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने की मांग की है।बता दे कि ट्रेन अंतागढ़ से चलकर गुदुम दल्लीराजहरा से होकर बालोद पहुचती जो पूरी तरह यात्रियों से भरी होती है।बालोद स्टेशन में ट्रेन में यात्रियों को सीट नसीब नही होती।बालोद स्टेशन ट्रेन लाटाबोड़ सिकोसा व गुंडरदेही में पहुचते ही यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ जाती हैं जिससे बोगी में पैर रखने के लिए जगह नही मिलती। बता दे कि रायपुर रेलवे स्टेशन से अंतागढ़ की दूरी 183 किमी है। वर्तमान में अंतागढ़ के आसपास के लोगों को रायपुर या फिर दुर्ग आने के लिए केंवटी आकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है। ट्रेन ना मिलने पर बस का सहारा लेना पड़ता है। अंतागढ़ से रायपुर बस से आते हैं तो करीब 200 रुपये किराया लगता है। समय भी अधिक लगता है। ट्रेन शुरू होने पर पांच घंटे में यात्री आसानी से रायपुर पहुंच जाएंगे और किराया करीब 55 रुपये किराया लगता हैं जिसके कारण आम लोग ट्रेन में यात्रा करते है।
सुलभ शौचालय में लटक रहा है ताला
जन सुविधा के नाम पर रेल्वे विभाग द्वारा स्टेशन परिसर में लाखों रूपए की लागत् से सुलभ शौचालय(पब्लिक टॉयलेट) का निर्माण तो किया गया है लेकिन निर्माण के पश्चात् से ही उक्त सुलभ शौचालय में ताला लटक रहा है जिसके चलते आमजन तथा यात्रियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।