देवरीबंगला, सिकलसेल एनीमिया एक खास किस्म की खून की कमी है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत मितानिन घर घर जाकर सिकल सेल एनीमिया की जांच करेगी। शनिवार को ब्लॉक के मितानिन भवन में मितानिन प्रशिक्षक के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्वास्थ्य मितानिन कार्यक्रम के जिला समन्वयक शकुन दास ने मितानिन प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि मितानिन अपने पारा के 15 से 40 वर्ष के सभी लोगों की सिकलसेल जांच करेंगे। मितानिन प्रशिक्षक सभी मितानिन को संकुल स्तर पर सिकलसेल प्रशिक्षण देंगे। सभी मितानिन को सिकलसेल जांच किट दी जाएगी।
सिकलसेल एनीमिया रोग के लक्षण :- मितानिन सिकलसेल रोग के लक्षण की पहचान करेगी जिसमें हाथ पैर की उंगलियां जोड़ो में सूजन तथा तेज दर्द होना, खून की कमी, शरीर सफेद दिखना, तिल्ली का बढ़ जाना, बच्चे का वजन ना बढ़ना तथा सिकलसेल रोगी महिला अगर गर्भवती हो तो बार-बार गर्भपात एवं रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। सिकलसेल दो प्रकार रोगी एवं वाहक होते हैं।
इन संकुल में होगा मितानिन का प्रशिक्षण :- मितानिन प्रशिक्षक संकुल स्तर पर मितानिन को सिकलसेल जांच पर प्रशिक्षण देंगे। 9 मई को भंवरमरा,मंगचुआ, मारीबंगला, राघोनवागांव, 10 मई को राणाखुजी, नाहंदा, डौंडीलोहारा, रेंगाडबरी, कमकापार, सुरेगांव, 11 मई डौंडीलोहारा, 12 मई बुंदेली, 13 मई केरीजुगेरा, 14 मई लुरकाझर, 16 मई खमतराई 17 मई जेवरतला, 18 मई दूधली, फरदफोङ, 19 मई अछोली को मितानिन का संकुल स्तरीय प्रशिक्षण होगा। जिसमें ब्लाक की 580 मितानिन प्रशिक्षित होगी। स्वास्थ्य मितानिन कार्यक्रम के ब्लॉक समन्वयक शोभा शर्मा, चंद्रप्रभा सुधाकर एसपीएस अनीता रामटेके, नैन साहू मितानिन प्रशिक्षक परवीन बेगम, केशव शर्मा, दीपमाला श्रीवास्तव, मधुसूदन करसेल, सुशीला साहू, सरोज मेश्राम, ममता साहू, रोहित चुरेंद्र, प्रीतम साहू, सीमा यादव, ओमलता साहू, मीरा बढेद्र, संतोष निर्मलकर ललिता यादव सरिता साहू संकुल स्तर पर प्रशिक्षण देंगे।