बालोद – बालोद जिले से होकर गुजरने वाली एनएच सड़क कार्य में गुणवत्ता सुरक्षा और कार्य में धीमी गति को लेकर प्रदेशरुची ने प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की है । तो वही एनएच विभाग के अधिकारियो और विभागीय ठेकेदार के मनमानी पर खबर प्रकाशन के बाद कांकेर लोकसभा के सांसद मोहन मंडावी से लेकर दुर्ग संभाग के कमिश्नर द्वारा भी मामले की जांच करवाने की बात कह चुके है । तो वही विभागीय ठेकेदार के मनमानी का आलम यहां तक है की 2 दिन पहले कुसुमकसा के ग्रामीणों के काम में लेट लतीफी से आम लोगो को हो रही परेशानी के चलते चक्काजाम का अल्टीमेटम तक दे चुके थे जिसके बाद आनन फानन में काम को शुरू करवाया गया ।
इस बीच बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बुधवार को बालोद जिले में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 930 के चौड़ीकरण एवं उन्नयन कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर व प्रशासनिक अमला द्वारा जिला मुख्यालय बालोद सहित दल्लीराजहरा मार्ग पर ग्राम दानीटोला और गुजरा के समीप निमार्णाधीन कार्यों का जायजा लिया और मौके पर उपस्थित संबंधितों को निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर शर्मा ने एनएच के अधिकारियों को बालोद शहरी क्षेत्र के चौड़ीकरण कार्य को शीघ्र पूरा करने तथा शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन पुल-पुलियों के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य में विद्युत पोल एवं पेयजल लाईन को यथाशीघ्र विस्थापित करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर शर्मा ने राष्ट्रीय राजमार्ग में पड़ने वाले दानीटोला घाट को काटकर सीधे मार्ग निर्माण के कार्य को शीघ्र पूरा कराने को कहा। कलेक्टर ने अधिकारियों को झलमला से लेकर शेरपार तक राष्ट्रीय राजमार्ग में डामरीकरण के कार्य को वर्षाऋतु के पूर्व पूरा करने निर्देश भी दिए।
कलेक्टर निवास के सामने ही एक माह से काम बंद
आपको बतादे एनएच विभाग द्वारा जारी सड़क चौड़ीकरण कार्य में मनमानी का आलम यह है कि शहर के बीच और कलेक्टर निवास के सामने ही कार्य को होली त्योहार के समय से ही बंद कर दिया गया है पुलिया के लिए खोदे गढ्ढे में आज तक कार्य प्रारंभ नही किया गया जबकि ऐसे ही पुल पुलियों के निर्माण में सुरक्षा के समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते कई दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है । यही नहीं सड़क पर पानी का भी समुचित छिड़काव नही होने से सड़को पर उड़ने वाले धूल से आम लोग भी परेशान हो रहे है।
बहरहाल देखना होगा कलेक्टर के निर्देश के बाद कार्य में कितना सुधार होता है और कार्य की गति में कितनी तेजी आती है।