रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 4 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य अपनी योजनाओं के साथ ही केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अग्रणी राज्य रहा है। प्रधानमंत्री सड़क योजना में भी गुणवत्ता और तेजी को लेकर केंद्र सरकार ने प्रशंसा की है लेकिन दलीय चाटुकारिता में भारतीय जनता पार्टी के नेता इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री को ही दे रहे हैं, जो क्रियान्वयन एजेंसी के कर्मचारी, अधिकारी, स्थानीय जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का अपमान है। प्रधानमंत्री सड़क योजना मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से 14 साल पहले से ही वर्ष 2000 से चालू है। यह योजना जब चालू हुई थी तब पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना हुआ करती थी, जिसे परिवर्तित कर मोदी सरकार ने 40 प्रतिशत वित्तीय भार राज्य सरकारों पर डाला है, अर्थात योजना के लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को वाहन करना पड़ता है। इसके साथ ही क्रियान्वयन एजेंसी भी राज्य की सरकार ही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में गांव-गांव तक संपर्क को मजबूत करने सड़क पुल और पुलिया निर्माण का काम विगत 4 वर्षों में तेजी से हुआ है। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार आने के बाद वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 13230 करोड रुपए के 4050 सड़कों के काम स्वीकृत किए गए जिनका निर्माण पूरा हो चुका है। प्रदेश में शासकीय भवनों, स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी, अस्पताल, धान संग्रहण केंद्र, हाट बाजार और मेला स्थलों को पक्के मार्ग से मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 19 जून 2020 से “मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना“ आरम्भ किया गया है जिसके तहत वर्ष 2022-23 में 600 करोड़ की लागत से 813 नई सड़कें बनी है। ए, बी, सी, डी के बाद अब स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए “ई“ श्रेणी के पंजीयन की व्यवस्था भी किया गया है। “छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम“ के अंतर्गत भी अब तक 8400 करोड की लागत से सड़कें बनी है। 6 अक्टूबर 2020 से “धरसा विकास योजना“ भी छत्तीसगढ़ में लॉन्च हुआ है, जिसके माध्यम से यह व्यवस्था की जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्र में किसान और मवेशी बरसात सहित सभी मौसम में सुगमता से आवाजाही कर सके। खेतों तक आवागमन सुनिश्चित हो, इसके लिए कच्चे रास्ते (धरसा) को पक्का किया जा रहा है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के मुद्दाविहीन भाजपा नेता केवल श्रेय की राजनीति करते हैं, झूठ की बुनियाद पर भ्रम फैलाते हैं।