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चैत्र नवरात्र का छठवां दिन:- आज होगी माँ के कात्यायनी स्वरूप की पूजा..इससे पहले पंचमी में इन मंदिरों में हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़

 

बालोद – चैत्र नवरात्रि की धूम पूरे देशभर के माता देवालयों में है 9 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि में पूरे 9 दिनों माता के 9  अलग अलग रूपों की पूजा आराधना होती है वही आज दुर्गा पूजा के छठवें दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में स्थित होता है। योग साधना में इस आज्ञा चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक मां कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है।

वही रविवार को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन मां दुर्गा की पंचम शक्ति मां स्कंदमाता की पूजा माता के सभी मंदिरों में की गई। वही इस दिन बालोद जिले के आस्था का प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित गंगा मैया माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी।  गंगा मैया मंदिर में न केवल आसपास बल्कि बालोद सहित अन्य जिलों से भीं माता की आराधना करने दिन भर भक्तो की भीड़ जुटती रही। पूरे मामले में मदिर समिति से जुड़े लोगो कि माने तो दिन भर में तकरीबन 15 लोग गंगा मैया मंदिर पहुंच माता का दर्शन व पूजा अर्चना किए।

एनएच मुख्यमार्ग को करना पड़ा परिवर्तित

आपको बतादे बालोद जिले के झल्मला स्थित गंगा मैया माता मंदिर के सामने से ही एन एच 930 भी गुजरती है जिसमे दिन भर भारी वाहनों के दबाव और मंदिर में उमड़ती भीड़ को देखते हुए बालोद पुलिस को इस मार्ग को परिवर्तित करना पड़ा ।  कांकेर जिले से कच्चे लोहे भरकर आने वाले ट्रकों को डौंडी और दल्लीराजहरा से ही घोटिया के रास्ते  झलमला चौक तक परिवर्तित किया गया इसी तरह दुर्ग और धमतरी के मार्ग से आने वाले मालवाहको को बालोद से 6 किमी दूर बालोद पाररास बायपास में परिवर्तित कर मंदिर के सामने ट्रैफिक को कम करने का प्रयास किया गया हालाकि इस दौरान यात्री बसों और छोटे वाहनों  की आवाजाही पुलिस के लिए एक चुनौती बनीं रही

जिले के अन्य मंदिरों में भी उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

बालोद जिले में गंगा मैया मंदिर अलावा गुरुर ब्लाक अंतर्गत जंगलों के बीच स्थित सियादेवी मंदिर,कंकालीन माता मंदिर, कुकुरदेउर मंदिर, दल्लीराजहरा के पास स्थित महामाया माता मंदिर में भी दिन भर भक्तो का तांता लगा रहा तथ्य पंचमी के अलावा रविवार छुट्टी का दिन होने के चलते शाम होते होते भक्तो की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखी गई और लोग अपने पूरे परिवार के साथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मंदिर के सामने लगे मेले का भी आनंद लेते नजर आए।

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