रायपुर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) अपना 84वां स्थापना दिवस इस साल जगदलपुर के करणपुर सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में मनाने जा रही है. बस्तर में पहली बार आयोजित हो रहे सीआरपीएफ के स्थापना दिवस को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही है. देश के गृहमंत्री अमित शाह भी स्थापना दिवस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे । बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ के हर स्थापना दिवस कार्यक्रम में शाह जाते हैं। इस बार यह बस्तर में हो रहा है। पहले गृहमंत्री का दौरा 18 मार्च को होना था, लेकिन नक्सली हमलों को देखते हुए तारीख बढ़ा दी गई। दिल्ली से बाइक पर चलीं सीआरपीएफ की महिला कमांडो भी 25 मार्च को ही बस्तर पहुंच रही हैं।
अपने तय कार्यक्रम के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह आज मतलब 24 मार्च को हेलीकाप्टर से जगदलपुर पहुंच रहे हैं और यहां सीआरपीएफ के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वे करणपुर सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में बैठक भी लेंगे. गृहमंत्री अमित शाह बस्तर में ही रात्रि विश्राम कर 25 मार्च को हेलीकाप्टर से महाराष्ट्र के लिए रवाना होंगे.
देश के सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF) को वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों और जम्मू में आतंकवाद विरोधी अभियानों के तीन मुख्य क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा बल के रूप में नामित किया गया है. पिछले साल जम्मू में सीआरपीएफ ने अपना 83वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया था. वहीं इस साल छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लगे करणपुर में CRPF मुख्यालय में पहली बार CRPF अपना स्थापना दिवस मनाने जा रही है. इस कार्यक्रम में देशभर के सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे और नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से बातचीत करेंगे।
दूसरी बार आ रहे छत्तीसगढ़
विदित हो कि, अमित शाह के बस्तर प्रवास को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। साल 2023 में वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। राज्य में भाजपा की सरकार बनाने वे कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। साथ ही बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों में जीत दर्ज कर सरकार बनाने का रास्ता आसान करने की योजना बनाएंगे। वे छत्तीसगढ़ समेत पूरे बस्तर में भाजपा के कार्यों की समीक्षा करेंगे।
अमित शाह के दौरे को नक्सलियों ने किया विरोध
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर नक्सलियों ने विरोध शुरू कर दिया है। सुकमा के एक गांव में ऑटोमैटिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर रैली निकाली और पर्चे बांटे। नक्सलियों ने आरोप लगाया कि कॉरपोरेट कंपनियों के साथ मिलकर गृहमंत्री शाह एक बार फिर बस्तर में हवाई बमबारी की योजना बनाने के लिए आ रहे हैं। नक्सलियों ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की फासीवादी नीतियों की भूपेश बघेल मदद कर रहे हैं।
पुलिस कैंप लगाकर किए जा रहे हवाई हमले
सुकमा के अति नक्सल प्रभावित वाले एतराजपाड़ इलाके में नक्सलियों ने सभा बुलाई थी। इस सभा में हथियाबंद नक्सलियों के साथ ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। नक्सलियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का विरोध करते हुए कॉरपोरेट कंपनियों को भगाने की बात कही है। इस दौरान हुई जनसभा में नक्सलियों ने कहा कि, केंद्र की सरकार कॉरपोरेट कंपनियों की एजेंट बनकर काम कर रही है। हजारों की संख्या में पुलिस कैंप लगाकर हवाई बमबारी की जा रही है।
हवाई हमलों के चलते ग्रामीणों में डर
बताया जा रहा है कि 4-5 दिन पहले नक्सलियों ने इस जनसभा का आयोजन किया था। इस दौरान रैली भी निकाली। नक्सलियों ने इसका वीडियो और पर्चा भी जारी किया है। नक्सलियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता की ओर से कहा गया है कि, गर्मी का सीजन आ गया है। अब एक बार फिर बस्तर में बमबारी करने की प्लानिंग करने अमित शाह आ रहे हैं। ग्रामीण जंगल में वनोपज लेने जाने से डर रहे हैं। डर है कि कहीं बस्तर के जंगलों में ड्रोन और हेलिकॉप्टर से उनपर हमला न हो जाए।