मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। आज शिक्षित होना तो आवश्यक है ही, प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए शिक्षा की ठोस व्यवस्था और गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने अच्छी अंग्रेजी जरूरी है, इसके लिए हमने स्वामी आत्मानंद स्कूल आरम्भ किए। इस बार इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी अब अंग्रेजी शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती किसानी को मजबूत करने हम कार्य कर ही रहे हैं। देश में किसानों को अपनी फसल का सबसे ज्यादा मूल्य छत्तीसगढ़ में मिल रहा है। रोजगार सृजन के लिए भी हम कार्य कर रहे हैं। इसके लिए रीपा आरम्भ किये गए हैं। अधोसंरचना के साथ विभिन्न तरह की मदद की व्यवस्था की गई है। ऐसी अधोसंरचना से ग्रामीण उद्यमियों को बढ़ने के बड़े अवसर खुलेंगे। इसमें ट्रेनिंग की व्यवस्था भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से 400 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों के खाते में गई है। हम गोबर से पेंट बना रहे हैं। नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन श्रमिकों को भी 7 हजार रुपये देने का निर्णय हमने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासहीन लोगों का सर्वे कराकर उन्हें आवास दिया जाएगा।
इस अवसर पर समाज के केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा, पाटन राजप्रधान श्री मेहतरलाल वर्मा एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
*मुख्यमंत्री ने कुछ यूं सुनाया, प्रधानमंत्री जी से मुलाकात का संस्मरण*
पाटन में कुर्मी समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समाजिकजनों को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से हुई मुलाकात के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पूछा कि मैंने सुना है कि आप फाग गीत बहुत अच्छा गाते हैं और सुनाने को कहा।
फिर मैंने उन्हें फाग गीत सुनाए।
उन्होंने खुशी जाहिर की।
पहले छत्तीसगढ़ की देश में पहचान नक्सलवाद को लेकर थी, अब बात छत्तीसगढ़ी संस्कृति की होती है।