बालोद – बालोद जिले में शासकीय वाहनों का दुरुपयोग के पहले भी कई मामले सामने आ चुके है लेकिन सरकारी खजानों में चुना लगाकर अपने स्वार्थ साधने वाले अधिकारियो के खिलाफ न तो कोई जांच होती है और न ही कोई कार्यवाही होती है जिसके चलते अधिकारी के साथ साथ उनके वाहन चालक भी अपने मनमर्जी से बाज नहीं आते और ऐसे मामलो को यदि कोई पत्रकार उजागर कर दे तो अधिकारी पत्रकारों के खिलाफ लामबंद होने से भी नही चूकते जरूरत पड़ने पर समाज को ढाल बनाकर फर्जी शिकायत कर मामले पर पर्दा डालने का प्रयास करते है वही उच्चाधिकारी भी ऐसे समय में ऐसे गलत कामों को अंजाम देने वाले अधिकारियो के पक्ष में दिखाई देते है
शनिवार और रविवार शासकीय अवकाश होता है ऐसे में अधिकारी भी इस पल को अपने परिवार के साथ व्यतीत करते है लेकिन उनका शासकीय वाहन कहां चल रहा शायद उनको मालूम न हो या जानबूझकर अनदेखी किए जाने से इंकार किया नही जा सकता
ऐसा ही मामला फिर एक बार सामने आया है जब बालोद स्वास्थ्य विभाग की सरकारी वाहन जो की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शासन द्वारा दी गई सरकारी सुमो वाहन CG 02 6136 शनिवार को बालोद जिले के लाटाबोड़ गांव में एक मकान के बाहर खड़ा देखा गया मामले पर जब स्थानीय लोगो से पूछा गया तो बताया कि यह वाहन बालोद स्वास्थ्य विभाग का इस वाहन का चालक स्वास्थ्य विभाग में ही पदस्थ है तथा यह वाहन अक्सर छुट्टियों पर यहा खड़ा रहता है और चालक इसी वाहन से अक्सर अपने घर से आफिस आना जाना करता है।
ग्रामीणों की बात से एक बात स्पस्ट थी कि जिले में शासकीय वाहनों का दुरुपयोग किस तरह से हो रही है और विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी की शासकीय गाड़ी ही शासन के शासकीय कोष को चुना लगाने का काम कर रही है तो बाकी नीचे कर्मचारियों का क्या हाल होगा
बहरहाल ये एक विभाग का मामला सामने आया है लेकिन जिले में और भी ऐसे मामले सामने आ चुके है जो की अपने निजी उपयोग के लिए शासकीय वाहनों का दुरुपयोग तो कर रहे है और जमकर सरकारी खजाने को चुना लगा रहे है देखना होगा पूरे मामले में शासन प्रशासन आगे किस तरह का रुख अख्तियार करती है और ऐसे अधिकारियो पर किस तरह लगाम लगा पाती है ।