बालोद-नई दिल्ली में मंगलवार को जैनिज्म फ़िलैटली ग्रुप का पांचवा राष्ट्रीय अधिवेशन प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रसंत डा. लोकेश मुनी ने अपने उद्बोधन में डाक टिकटों द्वारा जैन धर्म एवं जैन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने हेतु संस्था के सदस्यों को साधुवाद एवं आशीर्वाद दिया उन्होंने अपने उद्बोधन में जैन भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलकर विश्व में शांति की स्थापना कैसे की जा सकती है एवं हम सब का क्या दायित्व है इस विषय पर अपनी बातें सदन में रखी।कार्यक्रम के प्रारंभ में जैनिज्म फैलीटली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रदीप जैन ने उनका उनका सम्मान किया ।
डॉ जैन ने अपने स्वागत भाषण में संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी।कार्यक्रम में मंच पर सतना से आए सुधीर जैन, पूना के मिठालाल जैन, पांडिचेरी से प्रमोद जैन , राजनांदगांव के तेजकरण जैन एवं जबलपुर से हेमंत जैन भी विशेष रूप से उपस्थित थे ।कार्यक्रम में नासिक से आ ये शांतिलाल हिरण का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया साथ ही राष्ट्रीय संत लोकेश मुनि को जैन गौरव के सम्मान से सम्मानित किया गया ।इसके अलावा हुबली के महावीर कुडुर को जैन पदम् सम्मान एवं तेजकरण जैन को जैन रत्न सम्मान प्रदान किया गया।इसके अलावा दिल्ली के प्रगति मैदान में डाक टिकटों की राष्ट्रीय प्रदर्शनी अमृत पेक्स का आयोजन भी चल रहा है।इस आयोजन में भी छत्तीसगढ़ बालोद के डॉक्टर प्रदीप जैन ने आजादी के अमृत महोत्सव पर बलिदान गाथा, हमारे देश की आजादी के लिए जो त्याग और बलिदान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने किया उसकी पूरी गाथा डॉक्टर प्रदीप जैन द्वारा प्रदर्शित की गई है ।इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यो से आये लगभग १५० सदस्यों ने भाग लिया।कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती त्रिशला जैन बालोद ने किया।