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न नवरात्रि न दशहरा फिर भी इस गांव में हुआ रावण का वध…और पूरा गांव जय जय श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा..आखिर ऐसा क्या हुआ इस गांव में…पढ़े पूरी खबर

बालोद-उत्तरप्रदेश के काशी मिर्जापुर की राम लीला मंडली का सात दिवसीय राम लीला का रविवार की रात को ग्राम मेढ़की में भगवान राम के राज्याभिषेक के बाद रामलीला का समापन हो गया। यहां 7 दिवसीय रामलीला का आयोजन हुआ। राज्याभिषेक लीला के साथ हुआ। रामलीला के अंतिम दिन ग्रामीणों ने राम दरबार के छवि चित्र का पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण किया । इसके बाद आरती की गई। भगवान राम का राज्याभिषेक होते ही लीला स्थल जय श्री राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।

रामलीला में रावण वध का किया मंचन

रविवार की रात को अहंकारी रावण का वध करने के बाद 9 बजे से ग्राम मेढकी के कला मंच पर शुरू हुई रामलीला में रावण वध का मंचन किया गया। राम रावण के बीच युद्ध के मंचन को दर्शकों ने तालियों से श्रीराम के जयघोष के बीच सराहा। राम ने अग्निबाण चला कर रावण का अंत किया। इस दौरान जैसे रावण का अंत हुआ वहां मौजूद दर्शक भगवान राम के जयकारे लगाने लगे। पूरा कार्यक्रम स्थल जयकारों से गूंज उठा। रामलीला में राम के अयोध्या पहुंचने पर खुशियां मनाई गई। वशिष्ठ जी की आज्ञा पर विधि विधान से श्रीराम का अभिषेक हुआ। इसके बाद आकर्षक रामदरबार सजाया गया। जहां प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, हनुमान का आशीर्वाद लेने लोग पहुंचे। इसके बाद अंगद, सुग्रीव, विभीषण की विदाई हुई।

ग्रामीणों ने राम दरबार का पूजा अर्चना कर लिया आशीर्वाद

रामलीला के अंतिम दिन धनराज साहू,टहल साहू,पदुम हिरवानी, देवेंद्र साहू,मदन देवांगन, पूषन साहू,श्याम लाल साहू,डालेश्वर भारद्वाज, हेमंत भारद्वाज, तुलसी साहू,अभिजीत श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव सहित अन्य ग्रामीण महिलाए व पुरुष ने पहले राम दरबार के छवि चित्र का वैदिक मंत्रोचार के मध्य पूजन अर्चन कर आशीर्वाद लिया।


भगवान राम के अवध पहुंचने पर भरत जी ने त्यागी गद्दी

रामलीला के मंचन में 14 वर्ष का वनवास काटने के बाद भगवान राम,लक्ष्मण और माता सीता जब अयोध्या पहुंचे तो भरत जी ने चरण छू कर प्रणाम किया। इसके बाद अयोध्यावासियों ने भगवान राम के अयोध्या आगमन पर पुष्प वर्षा की। भगवान राम जब महल में पहुंचे तो भरत जी ने आग्रह किया कि राज गद्दी आपके बिना सुनी है। क्योंकि भगवान राम की अनुपस्थिति में वह तो उनके दास की तरह केवल राज्य की व्यवस्था बनाने को देखभाल कर रहे थे।

भगवान राम का हुआ राजतिलक

 

भगवान राम के अयोध्या पहुंचने पर उनको राजगद्दी प्रदान की गई। भगवान राम का विधि विधान से राज तिलक किया गया। राज्याभिषेक के दौरान राम,लक्ष्मण,सीता, भरत, शत्रुघन और हनुमान जी के स्वरूप का श्रृंगार दर्शकों को मंत्र मुग्ध करने वाला था। दर्शक इस अलौकिक छवि के दर्शन कर अपने को धन्य महसूस कर रहे थे।रामलीला कार्यक्रम के संचालक राजेश चौरसिया, अध्यक्ष अमरेश चौरसिया, व्यवस्थापक संदीप चौरसिया, सोनू चौरसिया गड़वड़ा धाम मीरजापुर (उत्तरप्रदेश) व मे सुरेंद्र व्यास,कमला शंकर चौरसिया, कमला शंकर रंगीलाल,राहुल चौरसिया,मोतीलाल पाल पंकज आदि शामिल शामिल रहे।धनराज साहू ने लीला के सफल मंचन के लिए कलाकारों व ग्राम मेढ़की के ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। महाआरती के बाद रामलीला मंडल की ओर से प्रसाद वितरण किया।

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