रायपुर । रासुका की अधिसूचना पर भाजपा द्वारा दिया जाने वाला प्रदेशव्यापी धरना भाजपा की असुरक्षा को बताता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई दंगा करने का अधिकार मांगने धरना दे रहे थे। उन्हें भय सता रहा कि कही उनके नेता जेल के सलाखों के पीछे न चले जाये इसलिये भाजपाई धरना दे रहे है। रमन सरकार रहते भाजपा ने 9 बार जिस रासुका कानून को लागू किया उसी का विरोध कर रहे है। यह भाजपा की अवसर वादिता है। रासुका कानून केन्द्र सरकार के द्वारा बनाया गया है तथा राज्य सरकारों को इसे अपने राज्य में 90 दिनों के लिये अधिसूचित करना पड़ता है। यह सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा भी अपने अंतिम कार्यकाल में 9 बार ऐसी ही अधिसूचना प्रकाशित किया था। रासुका से वे डरे जो गुंडे बदमाश और दंगाई है, शरीफ आदमी क्यों डरेगा? कड़े से कड़े कानून आपराधियो के लिये होता। शरीफ आदमी उससे नहीं डरता अपराधी उससे डरते है। भाजपा रासुका से क्यों डर रही सभी समझ रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास कोई मुद्दा नही बचा तो वह सांप्रदायिकता और धर्मातंरण के नाम पर दंगा फैला रही है। 15 साल की भाजपा की सरकार में धर्मातंरण को बढ़ावा दिया। विपक्ष में आने के बाद धर्मातंरण के नाम पर माहौल खराब कर रहे है। भाजपा आदिवासी समाज में विद्वेष पैदा करने के उद्देश्य से यह षडयंत्र रच रही है। भाजपा बताये कि उसके शासनकाल 15 सालों में ही प्रदेश के 98 प्रतिशत चर्च कैसे बने? आरएसएस मसीही भोज आयोजित करता है, भाजपा आंदोलन करती है। भाजपा का चरित्र ही दंगाई प्रवृति का है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की लगभग सारी राज्य सरकारों ने अपने यहां रासुका के संबंध में अधिसूचना जारी किया है। भाजपा की उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, असम, उत्तराखंड, हरियाणा की सरकारों ने रासुका की अधिसूचना जारी किया है। भाजपा शासित राज्यों सहित देश की सभी राज्य सरकारों की अधिसूचना की शब्दावली समान है विषय समान है वैसा ही छत्तीसगढ़ की अधिसूचना में भी है। भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दा विहिन इसलिये वह यहां पर मुद्दा बनाने की कोशिश में है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की योगी सरकार देश में रासुका के दुरूपयोग के लिये कुख्यात है। उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा और गौकशी के आरोपियों के विरूद्ध एनएसए लगाया जाता है। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने भाजपा शासन के तीन साल में दर्ज किये रासुका के प्रकरणों के मामलों में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की सुनवाई 2021 में की थी और इसमें से 80 प्रतिशत एनएसए को रद्द कर दिया था। उत्तर प्रदेश में एनएसए के हर 05 में से 04 मामले गलत बनाये गये थे। यूपी में भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विरूद्ध ही रासुका का प्रयोग अधिक किया गया था, ऐसा आरोप भी लगा। भाजपा का चरित्र कानून के दुरूपयोग का है कांग्रेस का नही।