नईदिल्ली: सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज का पूरे देशभर में लगातार प्रदर्शन जारी था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है.
पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है.
दरअसल पिछले लंबे समय से देशभर में जैन समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे, उनकी मांग थी कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लिया जाए. क्योंकि वहां मांस और शराब की बिक्री होने लगी है. इसे लेकर जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों ने पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा.
Sammed Shikharji Parvat is the world’s most sacred and revered Teerth Sthan of Jain dharma. GoI recognises its sanctity and significance for the Jain community as well as the Nation at large; and reiterates its commitment towards maintaining the same.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 5, 2023
पारसनाथ मामले में केंद्र सरकार ने समिति बनाई है. इसे लेकर कहा गया है कि राज्य सरकार समिति में जैन समुदाय से दो सदस्य शामिल करें. स्थानीय जनजातीय समुदाय से भी एक सदस्य शामिल करें. कहा गया है कि 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे. पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. इस फैसले के बाद जैन समाज का आंदोलन खत्म हो गया है. पालीताना जैन तीर्थ के प्रमुख ने कहा कि आज भूपेंद्र यादव जी से मुलाकात हुई, उसके बाद सभी समस्याओं का समाधान हो गया है. जो हमारी मांग थी उसे मान लिया गया है.
GoI directs Jharkhand Govt to strictly enforce existing provisions protecting the whole Parasnath Hill; categorically prohibiting liquor, drugs, non-veg food items, loud music, unauthorised camping & trekking, defiling of religious sites, disturbing the natural tranquillity etc.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 5, 2023
केंद्रीय मंत्री की तरफ से इसे लेकर पूरा ज्ञापन भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है, जिसमें बताया गया है कि पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में ड्रग्स और तमाम नशीले पदार्थों की बिक्री करना, तेज संगीत बजाना, लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करना, पालतू जानवरों को लाना, कैंपिंग और ट्रैकिंग करने की इजाजत नहीं होगी. इन सभी नियमों को कड़ाई से लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
दरअसल साल 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था. इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी. जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया. इस दौरान पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकाने खोलने की भी इजाजत दे दी गई, जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ और जैन समाज ने आंदोलन खड़ा कर दिया. बता दें कि सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का एक पवित्र स्थल है.