बालोद-स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ हिंदी माध्यम बालोद के एनएसएस के विद्यार्थियों द्वारा सात दिवसीय शिविर ग्राम मेड़की में लगाया गया जिसमें रविवार को एनएसएस के सभी विद्यार्थियों को सैक्षणिक भ्रमण में रुद्री डेम ले जाया गया। जिसमें सभी विद्यार्थियों को
रुद्री डेम की जानकारी दी गई। महानदी पर 1915 में बना रूद्री बैराज, जिसके अब निशान ही रह गए हैं। इसकी जगह नए बने बैराज ने ले ली है।
जैसे डेम का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ सन् 1984 तथा पूर्ण हुआ सन् 1994 में। डेम उस डेम को डॉ. खूबचंद बघेल न्यू रुद्री बरोज के नाम से जाना जाता है। तथा उसकी लम्बाई – 464 मी. जल ग्रहण क्षमता – 158.775 मि. घन फुट [ 4.496 मि. घन मी .]
ऐसे बहुत से चीजों कि जानकारी दी गई। तत्पश्चात बच्चों को गंगरेल बांध ( धमतरी ) के जाया गया जोकि वहां से थोड़ी दूरी पर है। वहां बच्चों ने बांध का आनंद लिया,, घूमे, बोट देखे, तथा वहां पर स्थित मां अंगार्मोती मंदिर का दर्शन किए । तत्पश्चात कैंप के लिए वापस रवाना हुए। जिसमें मधुकांत यदु ( कार्यक्रम अधिकारी ) व वेद देवांगन, पटेल ( सहायक शिक्षक ) शामिल रहे । इस दौरान एनएसएस के छात्र,डीलेश्वर सोनकर,चितेश्वर साहू,लिलेष यादव रोशन कुमार,आशीष कुमार, अजय कुमार, गोपाल कुमार, लक्की साहू, मोहित कुमार, फरहान खान, नमन ठाकुर, चंदन रघुवंशी, सेवंत, ओमप्रकाश, मोहित साहू, अनिल, टिकेंद्र ठाकुर, टिकेश्वर ( एनएसएस विद्यार्थि सीनियर ) लव कुमार, अनिरुद्ध, पुष्पेन्द्र, हिमेश, नीलकमल, विकाश, राहुल, शिवम्, राहुल देवांगन । रोशनलाल, नागेश, पियांश, चेतन, काओशलेश , हिमांशु, सेवक राम, ओमशिंग, मयंक, । पाल सीह, चंद्रकुमार, लोकेंद्र, रविकांत, ऐश्वर्य, खोमण, यश, गगन, राहुल कुलदीप। शामिल हुए।