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*अंबिकापुर मेका अस्पताल में 4 नवजात शिशुओं की मौत के बाद सियासी बवाल,भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने किया ये पलटवार …पढ़े पूरी खबर*

 

*छत्तीसगढ़ के भाजपाई राजनीतिक गिद्ध की भूमिका में, रमन राज में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल थी, चार साल में 240 प्रतिशत बेहतर हुए हैं*

*भूपेश सरकार आने के बाद कुपोषण और नवजात शिशु मृत्यु दर में तेजी से नियंत्रण हुआ है, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर लगभग ढाई गुना बेहतर हुए हैं*

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत पर भाजपा का तथ्यहीन आरोप निंदनीय है। सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई से लेकर वेंटीलेटर तक सभी स्वचालित इकाइयां होती है जो यूपीएस से कनेक्टेड रहती है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भी यही व्यवस्था है, विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर तुरंत यूपीएस चालू हो जाते हैं। प्राथमिक जांच में भी यह तथ्य सामने आया है कि जनरेटर भी तुरंत चालू हो गए थे। 4 घंटे के अंतराल में 4 नवजात शिशु की मौत निश्चित रूप से दुखद है लेकिन जो प्राथमिक जानकारी आई है उसके मुताबिक एक शिशु लंग्स में इन्फेक्शन और ब्लडिंग की समस्या से पीड़ित था सभी कम वजन के नवजात शिशु थे और अत्यधिक इंफेक्शन के बाद समुचित प्रयास के बावजूद भी उन्हें बचा पाना संभव नहीं हो सका। सामान्यतः कम वजन के नवजात शिशु को प्रसव के बाद क्रिटिकल हालत में ही सरकारी अस्पताल में इलाज हेतु रिफर किए जाते हैं। कभी-कभी समुचित उपचार और सभी आवश्यक उपाय के बावजूद उन्हें बचाने में सफलता नहीं मिली पाती है, लेकिन केवल राजनैतिक लाभ के लिए आरोप लगाना सर्वथा अनुचित है। प्रदेश के संवेदनशील स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, स्वास्थ्य सचिव और शिशु एवं बाल्य रोग विभाग के सीनियर प्रोफेसर के साथ तत्काल अस्पताल का निरीक्षण किया और 48 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए जांच दल गठित किया है। सभी संभव आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित के परिजनों और प्रदर्शनकारियों से भी भेंट कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल के रमन राज के कुशासन में कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया से होने वाली मौत ही छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुकी थी। अखफोड़वा कांड, गर्भाशय कांड, नसबंदी कांड जैसी घटनाएं हुई, केवल कमीशनखोरी के लालच में महावर फार्मा जैसे ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों से दवाईयां खरीदी जाती रही। दिसंबर 2018 में भूपेश बघेल सरकार आने के बाद से अब तक लगभग 2 लाख 10 हज़ार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं एनीमिया, डायरिया, पीलिया, और अन्य संक्रामक बीमारियों में भी आंकड़े तेजी से सुधरे हैं। स्वास्थ्य विभाग में 4000 से अधिक पदों पर नियमित भर्तियां की गई है। सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया गया है। विकासखंड स्तर के अस्पतालों को भी अपग्रेड कर भर्ती की सुविधा आरंभ की गई है। छत्तीसगढ़ में 19 सौ से अधिक वैलनेस सेंटर, हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक और हमर अस्पताल योजना के अंतर्गत ना केवल जांच और चिकित्सकीय परामर्श बल्कि दवाइयां भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। भूपेश सरकार ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ सहायता योजना के माध्यम से 20 लाख तक की चिकित्सा सहायता छत्तीसगढ़ की आम जनता के लिए सुनिश्चित की गई है। छत्तीसगढ़ के समस्त 65 लाख एपीएल और बीपीएल कार्डधारियों को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई गई है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के आम जनता को बिना किसी भेदभाव के यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम प्रदान करने भूपेश बघेल सरकार प्रतिबद्ध है।

 

 

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